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बिहार में 50 लाख युवाओं को नौकरी का तोहफा: मंगल पांडे

स्टेट डेस्क, मुस्कान कुमारी |

बिहार में 50 लाख युवाओं को नौकरी का तोहफा: मंगल पांडे का दावा, डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां चमक रही

मुंगेर: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मंगल पांडे ने शुक्रवार को मुंगेर में एक विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य की एनडीए सरकार की उपलब्धियों का बखान किया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने मात्र कुछ वर्षों में 50 लाख युवाओं को नौकरी और रोजगार का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। यह दावा न केवल युवाओं के बीच उत्साह का संचार कर रहा है, बल्कि पूरे बिहार को एक नई ऊर्जा दे रहा है। पांडे ने जोर देकर कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से बिहार अब बेरोजगारी के बोझ से मुक्त हो रहा है, और हर युवा का सपना साकार करने की दिशा में कदम बढ़ चुका है।

सम्मेलन मुंगेर के एक बड़े मैदान में आयोजित हुआ, जहां सैकड़ों एनडीए कार्यकर्ता, स्थानीय नेता और युवा जुटे थे। मंगल पांडे ने मंच से उतरते ही कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया और सीधे मुख्य मुद्दे पर आ गए। "डबल इंजन की सरकार का जादू अब हर घर, हर गांव और हर गली में दिख रहा है। हमने 50 लाख युवाओं को नौकरी और रोजगार देकर न केवल वादों को पूरा किया, बल्कि बिहार को एक रोजगार केंद्र के रूप में स्थापित किया है," उन्होंने कहा। यह बयान सुनते ही सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। पांडे ने आगे बताया कि यह उपलब्धि केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि लाखों परिवारों की जिंदगी बदलने वाली सच्चाई है।

डबल इंजन की ताकत: विकास की रफ्तार पकड़ता बिहार

मंगल पांडे ने डबल इंजन सरकार की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा कि केंद्र की मजबूत नीतियां और राज्य की क्रियान्वयन क्षमता ने बिहार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने घर-घर पहुंचने वाली योजनाओं का जिक्र किया, जैसे हर घर नल का जल, गांव-गांव तक बिजली की रोशनी, अनाज वितरण की सुगमता और गरीबों के लिए मुफ्त चिकित्सा। "चाहे नई सड़कों का निर्माण हो, बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो या अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा, एनडीए सरकार हर मोर्चे पर अव्वल है। यह सब 50 लाख युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ राज्य की समग्र प्रगति का प्रमाण है," पांडे ने जोश के साथ कहा।

उनके अनुसार, बिहार में युवा शक्ति अब प्रवास के चक्रव्यूह से बाहर आ रही है। पहले जहां लाखों युवा दिल्ली, मुंबई या अन्य राज्यों की ओर पलायन करते थे, वहीं आज सरकारी नौकरियों और स्वरोजगार योजनाओं ने उन्हें अपने घर की दहलीज पर ही अवसर उपलब्ध करा दिए हैं। सम्मेलन में मौजूद युवा कार्यकर्ताओं ने इस दावे का स्वागत किया। एक स्थानीय युवा ने कहा, "मंत्री जी के शब्दों ने हमें नई उम्मीद दी है। हमारा बिहार अब सपनों का राज्य बन रहा है।" पांडे ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले समय में और अधिक भर्तियां होंगी, जिससे बेरोजगारी की दर और नीचे आएगी।

यह सम्मेलन मुंगेर विधानसभा क्षेत्र में एनडीए की मजबूती को प्रदर्शित करने के लिए बुलाया गया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव, विधायक प्रणव यादव, ललित नारायण मंडल और विधान पार्षद लाल मोहन गुप्ता जैसे वरिष्ठ नेता भी मंच पर उपस्थित थे। सभी ने मंगल पांडे के भाषण की सराहना की और कहा कि यह बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ रहा है। सम्मेलन के दौरान एनडीए के सभी दलों के जिला अध्यक्षों ने एकजुटता का संदेश दिया, जो आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा लग रहा था।

युवा सशक्तिकरण का नया दौर: 50 लाख नौकरियों से बदला परिदृश्य

बिहार में रोजगार के क्षेत्र में आए इस क्रांतिकारी बदलाव को समझने के लिए आंकड़ों की ओर रुख करना जरूरी है। मंगल पांडे ने स्पष्ट किया कि एनडीए सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न विभागों में लाखों पद सृजित किए हैं। स्वास्थ्य विभाग में अकेले 43,000 से अधिक नौकरियां, शिक्षा में शिक्षक भर्तियां, पुलिस में कांस्टेबल और अवर निरीक्षक के पद, और उद्योग विभाग में स्वरोजगार योजनाओं के तहत हजारों युवाओं को जोड़ा गया है। "हमारा लक्ष्य केवल नौकरी देना नहीं, बल्कि कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सात निश्चय भाग-2 जैसी योजनाओं ने इस दिशा में मील का पत्थर साबित किया," पांडे ने कहा।

उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी प्रकाश डाला। हाल ही में घोषित 35 प्रतिशत आरक्षण से महिलाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता मिलेगी, जो कुल 50 लाख उपलब्धियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा, बिहार यूथ कमीशन का गठन युवाओं की आवाज को मजबूत करेगा। पांडे ने बताया कि अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का नया लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो बिहार को देश का सबसे तेजी से विकसित राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सम्मेलन में मौजूद महिलाओं ने इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की, और कई ने कहा कि अब बेटियां भी कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ेंगी।

मुंगेर जैसे जिलों में यह संदेश तेजी से फैल रहा है। स्थानीय स्तर पर आयोजित यह सम्मेलन न केवल राजनीतिक मंच था, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी साबित हुआ। पांडे ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे गांव-गांव जाकर इन उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाएं। "विपक्ष भले ही आलोचना करे, लेकिन सच्चाई तो यही है कि एनडीए के साथ बिहार सुरक्षित और समृद्ध हाथों में है," उन्होंने कहा। सम्मेलन का समापन एनडीए जिंदाबाद और बिहार जिंदाबाद के नारों के बीच हुआ, जो पूरे क्षेत्र में गूंजता रहा।

स्वास्थ्य से रोजगार तक: एनडीए की बहुआयामी सफलता

मंगल पांडे, जो खुद स्वास्थ्य मंत्री के रूप में जाना जाते हैं, ने अपने विभाग की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से गरीबों को मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है, और इसके लिए 35,000 से अधिक नौकरियां सृजित की गई हैं। "स्वास्थ्य ही धन है, और हमने इसे साकार किया है। अब युवा न केवल स्वस्थ रहेंगे, बल्कि उत्पादक भी बनेंगे," पांडे ने कहा। यह दावा स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रही भर्तियों से मेल खाता है, जहां चिकित्सकों, नर्सों और तकनीशियनों की नियुक्तियां तेजी से हो रही हैं।

इसके अलावा, पांडे ने पर्यटन, हस्तशिल्प और निर्माण जैसे क्षेत्रों में रोजगार सृजन का जिक्र किया। बिहार सरकार की नीतियों से निजी क्षेत्र में भी निवेश बढ़ा है, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से हजारों नौकरियां पैदा हुई हैं। एक अनुमान के मुताबिक, इन प्रयासों से 24 लाख से अधिक लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिले हैं। सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा, "मंगल जी का यह बयान बिहार की युवा पीढ़ी के लिए मील का पत्थर है। हम सब मिलकर इसे और मजबूत बनाएंगे।"

आने वाला कल: और अधिक अवसरों की उम्मीद

मंगल पांडे के इस बयान ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले यह घोषणा एनडीए के लिए एक मजबूत प्रचार बिंदु बन गई है। युवा वर्ग, जो राज्य की आबादी का बड़ा हिस्सा है, अब एनडीए की नीतियों पर भरोसा जता रहा है। पांडे ने अंत में कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे जनता के बीच जाकर इन उपलब्धियों का प्रचार करें, ताकि हर वोटर को सरकार की सच्चाई पता चले।

यह सम्मेलन न केवल मुंगेर तक सीमित रहा, बल्कि पूरे बिहार में चर्चा का विषय बन गया। स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया पर युवाओं के सकारात्मक प्रतिक्रियाएं उमड़ पड़ीं। एक युवा कार्यकर्ता ने कहा, "50 लाख नौकरियां कोई छोटी बात नहीं। यह हमारे परिवारों का भविष्य बदल देगी।" एनडीए नेताओं का मानना है कि यह गति बनी रही तो बिहार 2025 के चुनावों में नई ऊंचाइयों को छूएगा।