स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार।
बिहार कांग्रेस में चल रही उथल-पुथल के बीच चुनाव से पहले पार्टी ने बड़ा बदलाव किया है। कांग्रेस के महासचिव और वरिष्ठ नेता अविनाश पांडेय को बिहार चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है। बताया जा रहा है कि बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु को लेकर पार्टी नेताओं में असंतोष था।
चुनाव से ठीक पहले मिली इस नई जिम्मेदारी के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। टिकट बंटवारे को लेकर बिहार कांग्रेस में विवाद गहराया था और पार्टी मजबूत सीटें लेने में नाकाम रही थी। यहां तक कि उसने अपनी दो मौजूदा सीटें भी खो दी थीं। माना जा रहा है कि कृष्णा अल्लावरु बिहार में स्थिति संभालने में विफल रहे, जिसके बाद अविनाश पांडेय को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
अविनाश पांडेय ने एक्स पर लिखा कि वे बिहार प्रवास पर रहेंगे और आगामी चुनावों के लिए संगठनात्मक समन्वय एवं रणनीति निर्माण की जिम्मेदारी संभालेंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि बिहार की दिशा और दशा तय करने वाला निर्णायक अवसर है। एनडीए सरकार ने राज्य को बेरोजगारी, पलायन और विकासहीनता की ओर धकेला है और अब जनता परिवर्तन के लिए तैयार है।
कांग्रेस का यह कदम पार्टी के भीतर मचे विवाद को शांत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। टिकट वितरण को लेकर कई नेताओं ने बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम और प्रभारी कृष्णा अल्लावरु पर टिकट बेचने के आरोप लगाए थे, जिसके बाद कई नेताओं ने इस्तीफा भी दे दिया। ऐसे में अब अविनाश पांडेय को स्थिति संभालने के लिए बिहार भेजा गया है।
नागपुर निवासी अविनाश पांडेय एक वरिष्ठ वकील और अनुभवी राजनेता हैं। वे महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं और 2010 में राज्यसभा सांसद भी बने थे। 2023 में राहुल गांधी ने उन्हें उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया था, जहां 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-समाजवादी गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया था और भाजपा 240 सीटों पर सिमट गई थी।
शनिवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अविनाश पांडेय ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि छठ महापर्व पर बिहार के लोगों का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में 13 हजार रेलगाड़ियां हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा 12 हजार ट्रेनें छठ के लिए चलाने का दावा झूठा है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोग घर जाने के लिए ट्रेन के शौचालय तक में सफर करने को मजबूर हैं और मांग की कि प्रधानमंत्री बिहार से इस झूठ के लिए माफी मांगें।







