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बिहार में भुंजा पार्टी कौन? निशांत कुमार को राजनीति से दूर रखने का आरोप

स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |

बिहार में भुंजा पार्टी कौन? निशांत कुमार को राजनीति से दूर रखने का आरोप, तेजस्वी ने शाह-मोदी को भी घेरा

बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी द्वारा आयोग गठन में आरएसएस कोटा की बात कहे जाने के बाद वे विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को बयान दिया कि अशोक चौधरी ने स्वयं स्वीकार किया है कि बिहार में आरएसएस कोटा लागू है। उन्होंने यह भी कहा कि खुद अशोक चौधरी के दामाद सायण कुणाल को इसी आरएसएस कोटे के तहत नवगठित आयोग में शामिल किया गया है। साथ ही तेजस्वी ने यह आरोप भी लगाया कि नीतीश कुमार के करीबी नेता ही उनके बेटे निशांत कुमार को राजनीति में आने से रोक रहे हैं।

तेजस्वी ने अशोक चौधरी का नाम लिए बिना कहा कि जेडीयू कोटे से आने वाले एक मंत्री ने खुद यह पुष्टि की है कि राज्य में आरएसएस का कोटा चल रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार में और कहां-कहां आरएसएस का कोटा प्रभावी है। जब एक मंत्री खुद कह रहे हैं कि उनके दामाद को इस कोटे से नियुक्ति मिली है, तो अब और क्या कहा जा सकता है?

'निशांत को राजनीति में आने से रोकने की साजिश'
तेजस्वी ने आगे कहा कि जो लोग मुख्यमंत्री के करीबी हैं, जिन्हें उन्होंने ‘भुंजा पार्टी’ कहा, उन्हें ऐसा लगने लगा है कि मुख्यमंत्री की वर्तमान हालत उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। संजय झा ने अपनी दोनों बेटियों को व्यवस्था में सेट कर लिया है, अशोक चौधरी ने अपने बच्चों को स्थान दिलवा दिया है, दीपक जी ने अपनी पत्नी को नियुक्त करवा दिया। ऐसे में जब निशांत कुमार राजनीति में आना चाह रहे हैं तो यही भुंजा पार्टी के लोग असहजता महसूस कर रहे हैं और षड्यंत्र के ज़रिए उन्हें रोकना चाहते हैं।

तेजस्वी का आरोप था कि मुख्यमंत्री की अचेत स्थिति का लाभ उठाकर ये लोग अपना हित साध रहे हैं। उनका कहना था कि यह भुंजा पार्टी अपने जमाई-बेटी-रिश्तेदारों को पदों पर बैठा चुकी है। अमित शाह और इन भुंजा पार्टी के लोगों की मंशा है कि किसी भी तरह निशांत कुमार राजनीति में न आ सकें, ताकि सत्ता की मलाई केवल वही खा सकें। उन्हें लगता है कि उन्हें इश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त हो गया है। मुख्यमंत्री की स्थिति का फायदा उठाकर यह सब हो रहा है।

'बीजेपी-जेडीयू को गिरते देख रहे हैं'
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बिहार में ट्रांसफर-पोस्टिंग किस प्रकार हो रहा है, यह किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने कहा कि वह केवल इसीलिए अभी चुप हैं कि बीजेपी और जेडीयू के नेता कितनी गिरावट तक जाएंगे। जब ये लोग पूरी तरह नीचे गिर जाएंगे और जितनी गालियाँ देनी हैं, दे लेंगे—उसके बाद वह एक-एक व्यक्ति का हिसाब जनता के सामने पेश करेंगे।

‘NDA का मतलब: नेशनल दामाद आयोग’
तेजस्वी ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि जब वह बिहार आएंगे तो क्या वे तीनों जमाई, संतोष मांझी के जीजा, अशोक चौधरी के दामाद और चिराग पासवान के जीजाजी को मंच पर बुलाकर माला पहनाएंगे? उन्होंने व्यंग्य में कहा कि NDA का मतलब अब ‘नेशनल दामाद आयोग’ हो गया है।