स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और विधायक नरेंद्र नारायण यादव 4 दिसंबर 2025 को सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने गए। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार ने ध्वनि मत के ज़रिए उनके निर्विरोध चुने जाने की घोषणा की।
नरेंद्र नारायण यादव ने 3 दिसंबर को उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। इस पद के लिए सिर्फ़ उनका ही पर्चा जमा हुआ, जिसकी वजह से उनका निर्विरोध चुना जाना तय हो गया। सदन में उनके नाम का प्रस्ताव उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने रखा, जबकि जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसका अनुमोदन किया। विपक्षी दलों ने इस पद के लिए कोई प्रत्याशी नहीं उतारा और यादव के नाम पर सहमति जताते हुए उन्हें समर्थन दिया।
मधेपुरा ज़िले के आलमनगर विधानसभा क्षेत्र से नरेंद्र नारायण यादव पहली बार 1995 के चुनाव में विधायक बने थे। 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने इसी सीट से लगातार आठवीं बार जीत हासिल की। वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में कानून मंत्री और लघु जल संसाधन मंत्री के तौर पर भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। फरवरी 2024 में महेश्वर हज़ारी के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद 17वीं विधानसभा में भी यादव को उपाध्यक्ष चुना गया था।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 24 नवंबर 2025 को नरेंद्र नारायण यादव को बिहार विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया था। इस पद पर रहते हुए उन्होंने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाई और नए विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार के चुनाव की कार्यवाही संचालित की। यादव बिहार की विधानसभा के इतिहास में पहले ऐसे उपाध्यक्ष बन गए हैं, जिन्हें लगातार दो बार इस पद पर चुना गया है।
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में भाजपा के प्रेम कुमार को 2 दिसंबर 2025 को सर्वसम्मति से चुना गया था। उपाध्यक्ष पद जदयू के खाते में गया, जो एनडीए गठबंधन के भीतर शक्ति संतुलन की झलक दिखाता है। 18वीं बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पहले दिन विधायकों ने शपथ ली, दूसरे दिन अध्यक्ष का चुनाव हुआ और चौथे दिन उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हुई।







