स्टेट डेस्क, आर्या कुमारी |
पिता की मौत की साजिश रची जा रही है, ऐसा आरोप शिवानी शुक्ला ने लगाया है। एक बातचीत में शिवानी शुक्ला अपने पिता के लिए रोती-बिलखती नजर आईं और उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर उनके पिता को एक भी खरोंच आई तो वह सरकार को नहीं छोड़ेंगी।
बिहार चुनाव के बीच हलचल तेज है। इसी क्रम में वैशाली जिले की लालगंज विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल की प्रत्याशी शिवानी शुक्ला चुनाव प्रचार के दौरान भावुक हो उठीं। कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लालगंज जेल में बंद उनके पिता मुन्ना शुक्ला को अब भागलपुर जेल में शिफ्ट किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि लालगंज जेल से मुन्ना शुक्ला लगातार फोन पर बातें कर रहे थे और इससे चुनाव प्रभावित हो सकता है — ऐसी शिकायत मिलने पर उन्हें भागलपुर भेजे जाने की खबर आई है।
हालाँकि, इस खबर पर मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी। शिवानी शुक्ला ने आरोप लगाया कि उनके पिता की हत्या की साजिश रची जा रही है। एक बातचीत में शिवानी शुक्ला अपने पिता के लिए रोती-बिलखती नजर आईं और उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर उनके पिता को एक भी खरोंच आई तो वह सरकार को नहीं छोड़ेंगी।
शिवानी से जब पूछा गया कि वे क्यों रो रही हैं तब उन्होंने कहा, "क्योंकि मेरे पापा को भागलपुर भेज दिया गया है। ये लोग डर गए हैं। ये लोग बहुत ज्यादा डर गए हैं। जो आदमी न किसी से बात कर पा रहा है और न किसी से मिल पा रहा है, तो किस वजह से उन्हें भागलपुर भेजा जा रहा है? ये क्या है? ये विपक्ष तो खुद डर रहा है। मुरेठा वाले अंकल, इतना मत डरो। हम 28 साल की हैं। आप इसलिए डर रहे हैं क्योंकि आपने काम नहीं किया है, अंकल। हर जगह आपने शिलान्यास जो बनवाया है, ना अंकल।"
जब शिवानी से पूछा गया कि क्या यह हार का डर है कि विपक्ष के लोग आप पर दबाव बना रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि "यह हार का डर नहीं तो क्या है। जगह-जगह शिलान्यास हुआ है। मैं क्या बताऊँ? बस इतना मुझे पता है—कुछ कर लो चाचा, मैं डरने वाली बेटी नहीं हूँ। किस बात का डरना? क्या पाप किया है मैंने कि मैं डरूँ? मैं क्लीन चिट हूँ। मेरा नॉमिनेशन पेपर देख लो। जाकर विपक्ष का नॉमिनेशन पेपर देख लीजिए। सरकार हिल रही है। अगर सरकार हिल नहीं रही होती तो मेरे पापा भागलपुर नहीं जाते।"
"जब कोई बुनियाद नहीं होती तो ये हिल ही जाते हैं। ये टॉर्चर करने का तरीका है। मेरे पापा टॉर्चर हो रहे हैं। इन्हें ये लोग मार भी सकते हैं। मेरे पापा को मारने की साजिश है।" शिवानी ने आगे कहा कि "अगर मेरे पापा को एक भी खरोंच भी आई तो मैं इस सरकार को नहीं छोड़ूँगी। मैं वकील हूँ और वकील के सारे अधिकार जानती हूँ। महिलाओं के अधिकार जानती हूँ। मेरे पापा को एक भी छोटी सी खरोच भी आई तो छोड़ने वाली नहीं हूँ। मुरेठा के साथ सबको बांध लूंगी। सब जेल में जाएंगे, हॉलीडे मनाने।"
शिवानी ने कहा कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है। "बेटी हूँ तो घर में ही रहूँ" — ऐसा नहीं। पाँच साल में कुछ नहीं किया गया और अब जगह-जगह शिलान्यास करवा दिए जा रहे हैं। "मुरेठा बांधते हैं तो कस के बांधिए। क्योंकि आपके ब्रेन हैमरेज होने का समय आ गया है। क्योंकि इस बार बेटी झुकेगी नहीं, भले ही हार जाए।" फिलहाल बता दें कि लालगंज में शिवानी शुक्ला की टक्कर बीजेपी के विधायक संजय कुमार सिंह से है।







