
लोकल डेस्क, मुस्कान कुमारी |
ब्रेकिंग: सिवान में लोजपा नेता रईस खान के घर STF का धमाका छापा, अवैध हथियारों की सूचना पर भारी तलाशी—गिरफ्तारी की अफवाहों से सनसनी, इलाके में तनाव चरम पर!
सीवान: बिहार के सिवान जिले के ग्यासपुर गांव में दहशत का माहौल छा गया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कद्दावर नेता और पूर्व एमएलसी प्रत्याशी रईस खान के घर पर बिहार स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने सुबह-सुबह धमाकेदार छापेमारी कर दी। अवैध हथियारों की गुप्त सूचना पर चली यह कार्रवाई करीब दो घंटे चली, जिसमें घर के एक-एक कोने की बारीकी से छानबीन की गई। भारी संख्या में स्थानीय पुलिस बल तैनात कर इलाके को घेर लिया गया है, जिससे पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया और अफरातफरी का आलम है। मीडिया रिपोर्ट्स में रईस खान समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी की चर्चा जोरों पर है, हालांकि पुलिस ने अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की। यह घटना सिवान की सियासी गलियारों में भूचाल ला रही है, जहां पुरानी रंजिशें और चुनावी दांवपेंच नई आग लगाने को तैयार हैं।
अवैध हथियारों की सूचना पर STF का तूफानी हमला: क्या छिपा था घर के अंदर?
रविवार की सुबह करीब 9 बजे STF की टीम के साथ सारण रेंज के डीआईजी निलेश कुमार, सिवान एसपी मनोज कुमार तिवारी, STF के डीएसपी और कई थानाध्यक्षों ने रईस खान के आवास पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू कर दी। सूत्रों के हवाले से खबर है कि गुप्त टिपऑफ में अवैध हथियारों के जखीरे की बात कही गई थी, जिसके आधार पर यह सर्च ऑपरेशन लॉन्च हुआ। छापेमारी के दौरान कुछ संदिग्ध व्यक्ति खेतों के रास्ते भागने में कामयाब हो गए, लेकिन टीम ने घर की हर अलमारी, कमरे और आंगन की तलाशी ली। फिलहाल पुलिस ने बरामदगी के बारे में कुछ नहीं बताया, लेकिन कार्रवाई की तीव्रता से लगता है कि मामला गंभीर है। सिवान जैसे संवेदनशील इलाके में STF की तैनाती ने सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता को जाहिर कर दिया है।
गांव वालों के मुताबिक, जैसे ही पुलिस की गाड़ियां और जवान पहुंचे, इलाके में हड़कंप मच गया। बच्चे घरों में दुबक गए, जबकि युवा सड़कों पर सवालों का दौर चला। एक स्थानीय निवासी ने बताया, "सुबह की शांति अचानक पुलिस की सायरन से टूट गई। सबके मन में डर है कि यह सियासी बदले की कार्रवाई तो नहीं।" छापेमारी के बाद आसपास के गांवों में भी सतर्कता बरती जा रही है, और भारी पुलिस बल की मौजूदगी से तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा।
सियासी दुश्मनी का पुराना दंश: शहाबुद्दीन परिवार से रंजिश ने क्यों उबाला मामला?
यह छापा महज एक रूटीन सर्च नहीं, बल्कि सिवान की जटिल राजनीति का आईना है। रईस खान, जो चिराग पासवान के करीबी माने जाते हैं, हाल ही में लोजपा (आर) में शामिल हुए। वे रघुनाथपुर विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे हैं, जबकि आरजेडी के ओसामा शहाब—दिवंगत सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे—भी इसी सीट पर नजर गड़ाए हैं। दोनों गुटों के बीच पुरानी रंजिश जगजाहिर है। कुछ महीने पहले एमएलसी चुनाव के दौरान रईस खान के काफिले पर गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक की मौत और कई घायल हुए। इस मामले में ओसामा को आरोपी बनाया गया था, और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शहाबुद्दीन के शार्प शूटर आजाद अली को गिरफ्तार किया था।
रईस खान का भाई अयूब खान भी 'खान ब्रदर्स' के नाम से कुख्यात है। रईस पहले कई बार जेल की हवा खा चुके हैं, जिससे उनकी छवि विवादास्पद बनी हुई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह छापा चुनावी माहौल में सियासी प्रतिद्वंदिता को हवा दे सकता है। लोजपा के एक स्थानीय कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "रईस भाई चिराग जी के साथ हैं, लेकिन पुराने दुश्मन चुप नहीं बैठेंगे। यह कार्रवाई साफ राजनीतिक साजिश लग रही है।" सिवान, जो कभी शहाबुद्दीन के आतंक का गढ़ था, आज भी ऐसी घटनाओं से सिहर उठता है।
गिरफ्तारी की अफवाहें तेज: रईस समेत तीन हिरासत में, पुलिस चुप्पी बरकरार
मीडिया सर्कल में सबसे बड़ी चर्चा रईस खान की संभावित गिरफ्तारी की है। कुछ रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि छापे में रईस के साथ दो अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है, लेकिन सिसवन थाने के प्रभारी का फोन स्विच ऑफ होने से कोई पुष्टि नहीं हो सकी। STF और जिला पुलिस की ओर से अब तक कोई बयान जारी नहीं हुआ है, जिससे अटकलें और तेज हो गई हैं। क्या यह गिरफ्तारी अवैध हथियारों से जुड़ी है या कोई बड़ा आपराधिक नेटवर्क उजागर होने वाला है? सवालों का दौर चल रहा है।
इलाके में तैनात पुलिसकर्मियों ने सख्ती बरतते हुए मीडिया और ग्रामीणों को दूर रखा। एक वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि घर के बाहर जिप्सी और बाइक पर सवार जवान तैनात हैं, जबकि कमांडो स्टाइल में ड्रेस्ड STF जवान घर के अंदर सक्रिय नजर आ रहे हैं। यह दृश्य सिवान की सड़कों पर तनाव को साफ झलकाता है, जहां हर कोई अगले कदम का इंतजार कर रहा है।
सिवान में सनसनी: स्थानीय हलकों से राजनीति तक, चर्चाओं का दौर
छापेमारी की खबर फैलते ही सिवान के सियासी दलों में हलचल मच गई। लोजपा समर्थक इसे 'राजनीतिक साजिश' बता रहे हैं, जबकि विपक्षी दल चुप्पी साधे हैं। ग्रामीण इलाकों में लोग फुसफुसाहटों में कह रहे हैं कि यह शहाबुद्दीन परिवार की पुरानी दुश्मनी का नया अध्याय हो सकता है। सिवान एसपी के आवास पर भी पत्रकारों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
यह घटना बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। सिवान, जो अपराध और राजनीति के घालमेल का प्रतीक रहा है, एक बार फिर सुर्खियों में है। क्या STF को कोई बड़ा सुराग मिला है? या यह महज एक टिपऑफ पर की गई रूटीन कार्रवाई है? आधिकारिक बयान का इंतजार जारी है, लेकिन तब तक सिवान की हवा में तनाव की गंध घुली हुई है। आने वाले दिनों में इस मामले के नए मोड़ सामने आ सकते हैं, जो बिहार की सियासत को नई दिशा दे दें।