
नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार |
इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने शुक्रवार को बेंगलुरु में आयोजित हाइड्रोजन फ्यूल नेशनल वर्कशॉप के दौरान महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष यात्रा 2027 की अंतिम तिमाही में होने का निर्धारण किया गया है।
गगनयान परियोजना का मुख्य लक्ष्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में पहुंचाकर वापस धरती पर लाना है। इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में अब तक 80-85 प्रतिशत कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। योजना के अनुसार, इस वर्ष दिसंबर में पहला मानवरहित परीक्षण मिशन प्रक्षेपित किया जाएगा, जिसमें वास्तविक मनुष्य की बजाय एक मानव समतुल्य प्राणी को भेजा जाएगा। यह अंतरिक्ष यान की सभी प्रणालियों की जांच के लिए किया जाएगा। इसके उपरांत दो और परीक्षण उड़ानें संपन्न होंगी।
प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में, वास्तविक मानवयुक्त मिशन 2027 की पहली तिमाही में आयोजित करने की रणनीति तैयार की गई है। श्री नारायणन ने स्पष्ट किया कि मानव अंतरिक्ष यात्रा एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी, परंतु इसरो राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए विविध क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। देश के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा भी उतनी ही प्राथमिकता है। अंतरिक्ष तकनीक का व्यापक उपयोग आम जनता तक पहुंचाने के लिए पृथ्वी निरीक्षण, दिशा-निर्देशन, संपर्क साधन और अन्य अनुप्रयोगों पर कार्य जारी है। यह तकनीक खाद्य सुरक्षा, जल संचालन, मछली पालन की निगरानी, टेलीविजन प्रसारण, दूरसंचार, और टेलीमेडिसिन जैसे क्षेत्रों में नागरिकों की सहायता कर रही है।