
नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |
भारत अब अपनी रक्षा क्षमताओं को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की तैयारी में है। देश का महत्वाकांक्षी स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट – एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) अब हकीकत बनने की ओर है। अगर सबकुछ तय समय पर होता है तो यह जेट वर्ष 2035 तक भारतीय वायुसेना (IAF) में शामिल हो जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
इस उपलब्धि के साथ भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों की कतार में शामिल हो जाएगा, जिनके पास पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट हैं। इस सूची में फिलहाल अमेरिका, रूस और चीन जैसे ही बड़े देश शामिल हैं।
कौन-कौन कंपनियां रेस में शामिल?
AMCA प्रोजेक्ट के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ सात प्रमुख भारतीय कंपनियों ने बोली लगाई है। इनमें लार्सन एंड टुब्रो (L&T), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और अदानी डिफेंस जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
इन कंपनियों में से केवल दो कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। चुनी गई कंपनियों को 15,000 करोड़ रुपये की राशि के साथ पांच प्रोटोटाइप बनाने का जिम्मा दिया जाएगा। बोली का मूल्यांकन करने और अंतिम रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को सौंपने के लिए पूर्व ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रमुख ए. शिवथानु पिल्लई की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। अंतिम मंजूरी रक्षा मंत्रालय ही देगा।
AMCA क्या है?
एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) भारत का पहला पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट होगा। यह सिंगल-सीट, ट्विन-इंजन वाला स्टील्थ विमान होगा। इसमें ऐसी विशेषताएँ होंगी, जो अमेरिकी F-22 रैप्टर, F-35 लाइटनिंग-II और रूस के Su-57 जैसे आधुनिक फाइटर जेट्स में देखने को मिलती हैं।
मुख्य खूबियाँ:
- यह 55,000 फीट की ऊँचाई तक उड़ान भर सकेगा।
- इसमें आंतरिक हथियार डिब्बा होगा, जिसमें 1,500 किलोग्राम हथियार ले जाए जा सकेंगे।
- बाहरी हिस्से पर यह 5,500 किलोग्राम तक हथियार ले जाने में सक्षम होगा।
- इसमें 6,500 किलोग्राम ईंधन क्षमता होगी।
- जेट के पहले संस्करण में अमेरिकी GE F414 इंजन का इस्तेमाल होगा।
- दूसरे संस्करण में भारत का स्वदेशी और ज्यादा शक्तिशाली इंजन लगाया जाएगा।
AMCA को सुपरमैन्यूवरेबल और मल्टीरोल स्टील्थ फाइटर जेट के रूप में डिजाइन किया जा रहा है। यानी यह दुश्मन की पकड़ से बचते हुए जमीनी और हवाई दोनों तरह के युद्ध अभियानों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेगा।
5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट क्या होता है?
पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स, 21वीं सदी की सबसे उन्नत रक्षा तकनीकों से लैस होते हैं। इनमें कुछ खास खूबियाँ होती हैं:
- स्टील्थ टेक्नोलॉजी: दुश्मन के राडार से बचकर उड़ान भरने की क्षमता।
- नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर: सहयोगी बलों के साथ नेटवर्किंग कर दुश्मन की सही जानकारी साझा करना।
- एडवांस एवियोनिक्स और सेंसर: युद्ध क्षेत्र की सटीक जानकारी पायलट तक पहुँचाना।
- बेहतर गतिशीलता और नियंत्रण: जटिल परिस्थितियों में भी शानदार प्रदर्शन करना।
यही वजह है कि AMCA भारत के लिए सिर्फ एक विमान नहीं, बल्कि रक्षा रणनीति में गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
पाकिस्तान और चीन क्यों चिंतित?
भारत और चीन के बीच पिछले कुछ वर्षों में तनाव बढ़ा है। वहीं, पाकिस्तान लगातार सीमा पर संघर्ष की स्थिति बनाए रखता है। ऐसे में भारत का यह कदम दोनों पड़ोसी देशों के लिए चिंता का विषय है।
- चीन के पास J-20 जैसे फाइटर जेट हैं। भारत का AMCA उसकी बराबरी में उतर सकता है।
- पाकिस्तान के पास अभी तक 5th Gen जेट नहीं है। ऐसे में भारत का यह कदम उसे सैन्य संतुलन में पीछे धकेल देगा।
इसके अलावा, भारत ने हाल ही में फ्रांस से 26 राफेल-एम फाइटर जेट्स खरीदने का सौदा भी किया है, जिनकी कीमत करीब 63,000 करोड़ रुपये है। ये जेट्स वर्ष 2031 तक भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएंगे।
भारत का AMCA प्रोजेक्ट सिर्फ एक रक्षा परियोजना नहीं, बल्कि स्वदेशी तकनीक और आत्मनिर्भर भारत अभियान का बड़ा उदाहरण है। 2035 तक इसके वायुसेना में शामिल होने के बाद भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। यह कदम न केवल पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों के लिए नई टेंशन साबित होगा, बल्कि भारत को विश्वस्तरीय सैन्य शक्ति के रूप में भी स्थापित करेगा।