लाइफस्टाइल डेस्क, मुस्कान कुमारी |
नई दिल्ली: सर्दियां आते ही पहाड़ों का जादू दोगुना हो जाता है। सफेद बर्फ से ढकी चोटियां, ठंडी हवा और जमी हुई झीलें हर ट्रेकर को बुलाती हैं। अगर आप एडवेंचर के दीवाने हैं और इस साल कुछ नया ट्राई करना चाहते हैं, तो भारत के ये 5 विंटर ट्रेक आपकी लिस्ट में टॉप पर होने चाहिए। ये ट्रेक सिर्फ चुनौती नहीं देते, बल्कि प्रकृति की अनोखी खूबसूरती से रू-ब-रू कराते हैं। हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर लद्दाख की जमी नदियों तक, हर रास्ता यादगार बन जाता है।
ये ट्रेक नौसिखियों से लेकर अनुभवी ट्रेकर्स तक के लिए हैं। लेकिन याद रखें, सर्दियों में मौसम कठोर होता है, इसलिए अच्छी तैयारी जरूरी है। आइए जानते हैं इन ट्रेकों के बारे में, जो इस सीजन में सबसे ज्यादा चर्चा में हैं।
संदकफू-फालुत ट्रेक: दुनिया की चार सबसे ऊंची चोटियां एक साथ नजर आएंगी
पश्चिम बंगाल का संदकफू-फालुत ट्रेक राज्य की सबसे ऊंची जगह है। यहां से माउंट एवरेस्ट, कंचनजंगा, ल्होत्से और मकालू जैसी दुनिया की चार सबसे ऊंची पर्वत चोटियां एक साथ दिखती हैं। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित यह ट्रेक दोनों देशों के नजारों का मिश्रण देता है। रास्ते में घने बांस के जंगल और 'स्लीपिंग बुद्धा' पर्वतमाला का दृश्य हर कदम को रोमांचक बनाता है। सर्दियों में बर्फ से ढके रास्ते इसे और चुनौतीपूर्ण बनाते हैं, लेकिन ऊपर पहुंचकर मिलने वाला व्यू सब भुला देता है। ट्रेक की लंबाई करीब 32 किलोमीटर है और इसे पूरा करने में 5-6 दिन लगते हैं। शुरुआत माने भंजन से होती है, जहां से ऊंचाई धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं, तो ये जगह आपके कैमरे के लिए स्वर्ग है।
चादर ट्रेक: जमी नदी पर चलने का अनोखा एडवेंचर, जो हर किसी के बस की नहीं
लद्दाख का चादर ट्रेक सर्दियों का सबसे थ्रिलिंग अनुभव है। जनवरी-फरवरी में जब जांस्कर नदी पूरी तरह जम जाती है, तो उसकी बर्फीली परत पर चलना किसी चमत्कार जैसा लगता है। लगभग 12,000 फीट की ऊंचाई पर यह ट्रेक बेहद कठिन है। मजबूत फिटनेस और ठंड सहने की क्षमता जरूरी है। रास्ते में फिसलन भरी बर्फ, ठंडी हवाएं और रातें कैंप में बितानी पड़ती हैं। लेकिन जमी नदी के किनारे चट्टानें और बर्फीले गुफाएं देखकर लगता है जैसे किसी परीकथा में आ गए हों। ट्रेक की लंबाई 105 किलोमीटर है, जो चिलिंग से शुरू होकर नेरक तक जाती है। हर साल हजारों एडवेंचर प्रेमी यहां आते हैं, लेकिन मौसम की वजह से इसे रद्द भी करना पड़ सकता है। अगर आप रिस्क लेने को तैयार हैं, तो ये ट्रेक जीवन की सबसे यादगार यादें देगा।
केदारकंठा ट्रेक: 'क्वीन ऑफ विंटर ट्रेक्स' जहां बर्फीले जंगल स्वर्ग लगते हैं
उत्तराखंड का केदारकंठा ट्रेक ट्रेकर्स के बीच 'क्वीन ऑफ विंटर ट्रेक्स' कहलाता है। मध्यम स्तर का यह ट्रेक सांकरी गांव से शुरू होता है और बर्फ से ढके जंगलों, घास के मैदानों से गुजरता है। पांच दिनों में पूरा होने वाला ये सफर नौसिखियों के लिए भी परफेक्ट है। ऊंचाई पर पहुंचकर हिमालय की बर्फीली चोटियां किसी पेंटिंग जैसी नजर आती हैं। ट्रेक की कुल दूरी 20 किलोमीटर है और अधिकतम ऊंचाई 12,500 फीट। रास्ते में जूडा का तालाब और कैंपसाइट्स पर रुकना मजेदार होता है। सर्दियों में यहां बर्फबारी का मजा दोगुना हो जाता है। अगर आप फैमिली या दोस्तों के साथ जा रहे हैं, तो ये ट्रेक सबसे सुरक्षित और खूबसूरत विकल्प है।
पराशर लेक ट्रेक: आसान रास्ता, शांत झील और प्राचीन मंदिर का कॉम्बो
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पराशर लेक ट्रेक छोटा लेकिन बेहद आकर्षक है। घने देवदार जंगलों और बर्फीले घास के मैदानों से गुजरते हुए ये ट्रेक शांत पराशर झील तक ले जाता है। झील के किनारे ऋषि पराशर को समर्पित लकड़ी का प्राचीन मंदिर है, जो इतिहास प्रेमियों को लुभाता है। ट्रेक की लंबाई सिर्फ 16 किलोमीटर है और इसे 2-3 दिनों में पूरा किया जा सकता है। शुरुआत बग्गी से होती है और ये पहली बार ट्रेक करने वालों के लिए आदर्श है। सर्दियों में झील के आसपास की बर्फ इसे और जादुई बनाती है। अगर आप ज्यादा कठिनाई नहीं चाहते, लेकिन प्रकृति का मजा लेना है, तो ये ट्रेक चुनें।
दयारा बुग्याल ट्रेक: बर्फीले मैदानों से हिमालय की चोटियां बातें करती नजर आएंगी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में दयारा बुग्याल ट्रेक आसान से मध्यम स्तर का है। पाइन, ओक और मेपल जंगलों से होकर गुजरते हुए ये ट्रेक बर्फीले मैदानों तक पहुंचता है, जहां बंदरपूंछ और ब्लैक पीक जैसी चोटियां दिखती हैं। नवंबर से मार्च तक ये ट्रेक सबसे उपयुक्त है। कुल दूरी 9 किलोमीटर है और इसे 4 दिनों में पूरा किया जा सकता है। रास्ते में गांवों और कैंपिंग स्पॉट्स पर लोकल कल्चर का अनुभव मिलता है। सर्दियों में यहां की बर्फीली चमक हर ट्रेकर को मोहित कर देती है। अगर आप शांत और सुंदर जगह ढूंढ रहे हैं, तो दयारा बुग्याल से बेहतर कुछ नहीं।
ये ट्रेक सर्दियों को यादगार बनाने का बेहतरीन तरीका हैं। लेकिन जाने से पहले मौसम चेक करें, गाइड लें और जरूरी सामान साथ रखें।







