
राष्ट्रीय डेस्क, आर्या कुमारी |
नई दिल्ली: भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता के सफर में एक नया इतिहास रचा गया है। केंद्रीय IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का प्रथम घरेलू निर्मित सेमीकंडक्टर चिप भेंट किया। इस ऐतिहासिक क्षण के साथ ही भारत ने वैश्विक चिप युद्ध में चीन और अमेरिका के एकाधिकार को तोड़ने की अपनी क्षमता प्रदर्शित की है।
आधुनिक समय में सेमीकंडक्टर को हाई-टेक मशीनों की आत्मा कहा जाता है। यही कारण है कि चिप के बाजार पर कब्जा करने के लिए विभिन्न राष्ट्रों में गहन प्रतिस्पर्धा जारी है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक युद्ध की मूल जड़ भी यही है। इस परिस्थिति में भारत ने एक महत्वपूर्ण सफलता अर्जित की है।
IT मंत्री वैष्णव ने PM मोदी को विक्रम 32-बिट प्रोसेसर के साथ-साथ चार अनुमोदित परियोजनाओं के परीक्षण चिप्स भी प्रस्तुत किए।
आज के युग की प्रौद्योगिकी के लिए सेमीकंडक्टर अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनका उपयोग चिकित्सा, यातायात, दूरसंचार, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे आवश्यक क्षेत्रों में व्यापक रूप से होता है। चीन और अमेरिका के बीच मुख्य संघर्ष चिप के पूरे तंत्र पर नियंत्रण स्थापित करने का है।
जैसे-जैसे संसार डिजिटल और स्वचालन की दिशा में बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे सेमीकंडक्टर आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वाधीनता के लिए अनिवार्य होते जा रहे हैं। इसी वजह से विश्व का प्रत्येक राष्ट्र इस क्षेत्र में स्वावलंबी बनने की चेष्टा कर रहा है।
भारत भी इस दिशा में द्रुत गति से प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में सेमीकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि राष्ट्र में 2021 से 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है जिन पर 18 अरब डॉलर का निवेश हो रहा है।
वैष्णव ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व, हमने सर्वप्रथम प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नीति के साथ एक नवीन आरंभ करने हेतु मिलन किया था। हमने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की। केवल 3.5 वर्षों में संसार भारत को भरोसे की नजर से देख रहा है। आज राष्ट्र में पांच सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण तीव्र गति से संचालित हो रहा है। हमने अभी PM मोदी को प्रथम "मेड-इन-इंडिया" चिप समर्पित किया।
भारत का लक्ष्य
इसरो की सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला ने विक्रम प्रोसेसर का निर्माण किया है। यह भारत का प्रथम स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है। यह प्रक्षेपण के समय कठिन परिस्थितियों में भी कार्य करने हेतु तैयार किया गया है।
2021 में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन प्रारंभ होने के उपरांत केवल चार वर्षों में भारत ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक व्यापक परिवर्तन लाया है। इस स्वप्न को साकार करने हेतु सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना की घोषणा की है। इसमें से लगभग 65,000 करोड़ रुपये पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।
28 अगस्त को भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त हुई। गुजरात के साणंद में राष्ट्र की प्रथम एंड-टू-एंड आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (OSAT) पायलट लाइन सुविधा का संचालन शुरू किया गया।
सेमीकंडक्टर कंपनी CG-Semi इस पायलट सुविधा से प्रथम 'मेड इन इंडिया' चिप का उत्पादन करने जा रही है। डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव योजना के माध्यम से, स्टार्टअप और नवाचारकर्ताओं को सहायता प्रदान करने हेतु 23 चिप डिजाइन परियोजनाओं को अनुमति दी गई है।
यह उपलब्धि न केवल भारत की तकनीकी क्षमताओं को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय साझीदार के रूप में देश की स्थिति को भी मजबूत बनाती है।