
ऋषि राज
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्षों ने दोनों देशों को ड्रोन युद्ध की नई राह पर ला खड़ा किया है। मई 2025 में हुए चार दिवसीय संघर्ष के दौरान, दोनों देशों ने पहली बार बड़े पैमाने पर मानव रहित हवाई वाहनों (UAVs) का उपयोग किया, जिससे पारंपरिक सैन्य रणनीतियों में बदलाव देखा गया।
प्रमुख घटनाक्रम:
- 8 मई 2025: पाकिस्तान ने जम्मू सहित कई भारतीय शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए। भारत ने इन हमलों का जवाब S-400 मिसाइल प्रणाली से दिया।
- 9 मई 2025: भारत ने पाकिस्तान के लाहौर में वायु रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय करने के लिए SEAD/DEAD ऑपरेशन चलाया।
- 10 मई 2025: पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने कराची, लाहौर और रावलपिंडी सहित विभिन्न शहरों में 25 भारतीय ड्रोन मार गिराए।
भारत की रणनीति:
निवेश और विकास: भारत ने अगले 12 से 24 महीनों में UAVs पर $470 मिलियन खर्च करने की योजना बनाई है, जो पूर्व-संघर्ष स्तरों से तीन गुना अधिक है।
स्थानीय उत्पादन: भारतीय सेना ने स्वदेशी 'अकाशतीर' वायु रक्षा प्रणाली को तैनात किया, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सभी पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को सफलतापूर्वक रोका।
नई तकनीक: 'भार्गवास्त्र' माइक्रो-मिसाइल प्रणाली, जो छोटे UAVs को लक्षित करने में सक्षम है, का सफल परीक्षण किया गया।
पाकिस्तान की रणनीति:
ड्रोन तैनाती: पाकिस्तान ने तुर्की के सहयोग से विकसित YIHA-III और घरेलू शाहपर-III UCAVs का उपयोग किया।
प्रतिक्रिया: पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारतीय हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया और कई भारतीय ड्रोन मार गिराए।
भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन युद्ध ने एशिया में एक नई हथियारों की दौड़ को जन्म दिया है। दोनों देशों ने अपने सैन्य बजट में वृद्धि की है और नई तकनीकों के विकास पर जोर दिया है। यह स्थिति क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक नई चुनौती प्रस्तुत करती है।