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भारतीय शिक्षकों को मिले विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों का दर्जा :राष्ट्रपति मुर्मू

नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार |

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कहना है कि भारत के शिक्षकों को दुनिया के बेहतरीन शिक्षकों के रूप में पहचान मिलनी चाहिए। शिक्षक दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने देशभर के शिक्षकों को राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान की भांति शिक्षा भी इंसान की गरिमा और सुरक्षा के लिए जरूरी है। बुद्धिमान शिक्षक बच्चों के भीतर आत्मसम्मान और सुरक्षा का भाव जगाते हैं। उन्होंने शिक्षक के रूप में बिताए गए अपने समय को याद करते हुए इसे अपने जीवन का सबसे अर्थपूर्ण दौर बताया।

शिक्षा की शक्ति और शिक्षकों की भूमिका

राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि शिक्षा व्यक्ति को शक्तिशाली बनाती है। शिक्षा की ताकत से गरीब से गरीब घर के बच्चे भी सफलता की बुलंदियों को छू सकते हैं। बच्चों के सपनों को हकीकत बनाने में प्रेम और समर्पण से भरे शिक्षक मुख्य किरदार निभाते हैं। शिक्षकों की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उनके छात्र उन्हें हमेशा याद रखें और परिवार, समुदाय एवं राष्ट्र के लिए प्रशंसनीय काम करें।

चरित्र निर्माण पर जोर

उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास शिक्षक का मुख्य दायित्व है। नैतिकता का पालन करने वाले संवेदनशील, जिम्मेदार और निष्ठावान छात्र उन छात्रों से श्रेष्ठ हैं जो सिर्फ प्रतियोगिता, पुस्तकीय ज्ञान और निजी फायदे में दिलचस्पी रखते हैं। एक आदर्श शिक्षक में हृदय और मस्तिष्क दोनों होते हैं। भावनाओं और विवेक का मेल विद्यार्थियों को भी प्रभावित करता है।

आधुनिक तकनीक बनाम स्मार्ट शिक्षक

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि स्मार्ट ब्लैकबोर्ड, स्मार्ट कक्षाओं और दूसरी आधुनिक व्यवस्थाओं का अपना स्थान है, परंतु सबसे जरूरी हैं स्मार्ट शिक्षक। स्मार्ट शिक्षक वे होते हैं जो अपने छात्रों के विकास की जरूरतों को पहचानते हैं। स्मार्ट शिक्षक स्नेह और समझदारी के साथ पढ़ाई की प्रक्रिया को दिलचस्प और कारगर बनाते हैं। इस तरह के शिक्षक छात्रों को समाज और देश की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं।

बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान

राष्ट्रपति ने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा को सबसे अधिक महत्व देना चाहिए। बालिकाओं की शिक्षा में लगाई गई पूंजी परिवार, समाज और राष्ट्र के निर्माण में एक अनमोल निवेश है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को सबसे बेहतर शिक्षा देना महिला-नेतृत्व विकास को प्रोत्साहन देने का सबसे कारगर तरीका है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के विस्तार और वंचित समुदाय की बालिकाओं को विशेष शैक्षिक सुविधाएं देने पर केंद्रित है, लेकिन शिक्षा से संबंधित किसी भी योजना की कामयाबी मूल रूप से शिक्षकों पर आधारित होती है।

वैश्विक ज्ञान महाशक्ति का लक्ष्य

राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मकसद भारत को एक विश्वव्यापी ज्ञान महाशक्ति बनाना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमारे शिक्षकों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में पहचान मिलनी चाहिए। हमारी संस्थाओं और शिक्षकों को शिक्षा के तीनों क्षेत्रों - स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा में सक्रिय योगदान देना होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि हमारे शिक्षक अपने महत्वपूर्ण योगदान से भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करेंगे।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी सहित कई महत्वपूर्ण व्यक्ति उपस्थित थे।