स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बाहरी क्षेत्र में स्थित सुक्खी सेवनिया (Sukhi Sewania) या बिलखिरिया (Bilkhiria) के निकट 13 अक्टूबर 2025 की दोपहर में एक गंभीर सड़क दुर्घटना घटित हुई। दोपहर के समय लगभग 12 बजे, भोपाल बायपास की एक महत्वपूर्ण सड़क का लगभग 100 मीटर का भाग (कुछ सूत्रों के अनुसार 50-100 मीटर) अचानक धंस गया।
40 फीट चौड़ी इस सड़क का करीब 30 फीट हिस्सा प्रभावित हुआ, जो लगभग 30 फीट (9 मीटर) की गहराई तक धंस गया। यह सड़क इंदौर-जबलपुर बायपास (राज्य राजमार्ग-18) का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, मंडला व सागर जैसे मुख्य रूट्स को जोड़ती है। धंसाव रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के समीप हुआ।
प्रत्यक्षदर्शी राकेश सोनकर के अनुसार, वे कल्यानपुर की ओर जा रहे थे जब ROB के आगे सड़क में दरारें दिखाई दीं और तुरंत पूरा हिस्सा धंस गया। पुलिस को तुरंत सूचना देकर बैरिकेडिंग की गई और यातायात रोका गया। सौभाग्य से उस समय कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। इस मार्ग पर प्रतिमिनट 25-30 वाहन गुजरते हैं, जिनमें भारी वाहन भी शामिल हैं।
विशेषज्ञों की जांच में पांच प्रमुख निर्माण त्रुटियां सामने आईं:
अपर्याप्त कॉम्पैक्शन: मुर्रम (कोपरा) की परत उचित कॉम्पैक्शन के बिना भरी गई, जिससे मिट्टी की स्थिरता कमजोर हुई।
एस्फाल्ट परत केवल 15-20 सेमी मोटी थी (मानक 20-25 सेमी से कम), जो स्पर्श से ही टूट जाती थी। नीचे की मिट्टी नम और अस्थिर थी।
अपर्याप्त रिटेनिंग वॉल: रेलवे ओवरब्रिज की रीइनफोर्स्ड अर्थ (RE) वॉल तकनीकी मानकों के अनुसार नहीं बनी। 50 फीट ऊंचाई के लिए आवश्यक 600 फीट हॉरिजॉन्टल स्लोप नहीं था।
वर्षा जल की उचित निकासी व्यवस्था नहीं थी, जिससे पानी जमा होकर मिट्टी को कमजोर करता रहा।
चेतावनी संकेतों की उपेक्षा: स्थानीय निवासियों ने कई दिनों से दरारें देखी थीं जो भारी वर्षा से और बढ़ गईं, परंतु अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जून में निरीक्षण हुआ था लेकिन कोई उपचारात्मक कार्रवाई नहीं की गई।
अतिरिक्त कारकों में जल रिसाव, अधूरा स्टोन पिचिंग और अनुचित ऊंचाई की RE पैनल्स शामिल हैं। यह सड़क 2012-13 में BOT मॉडल के तहत निर्मित हुई थी और रखरखाव की कमी थी।
प्रशासन ने मुख्यतः निर्माण कंपनी और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया, किंतु एक रिपोर्ट में स्थानीय किसानों द्वारा मिट्टी की खुदाई को भी समस्या का कारण बताया गया।
एमपीआरडीसी जीएम सोनल सिन्हा ने कहा: "100 मीटर हिस्सा धंसा है, 30 फीट गहरा गड्ढा बना। जांच टीम का गठन किया गया है। 10 दिनों में यातायात बहाली का लक्ष्य, 9 करोड़ का टेंडर जारी।"
एमपीआरडीसी एमडी भारत यादव और पीडब्ल्यूडी प्रधान सचिव सुखवीर सिंह ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने तकनीकी जांच और त्वरित मरम्मत का आश्वासन दिया।
निर्माणकर्ता कंपनी Transstroy Private Limited का अनुबंध 2020 में रद्द कर दिया गया था और वह ब्लैकलिस्टेड है।
इस घटना ने राजनीतिक बवाल मचा दिया। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए:
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए इसे "50% कमीशन वाली सरकार का उदाहरण" बताया।
विपक्ष नेता उमंग सिंघार ने कहा: "सड़क नहीं, भाजपा के वादे धंस रहे हैं। यह दोहरे भ्रष्टाचार की नींव है।"
कांग्रेस नेताओं मनोज शुक्ला और अनोखी पटेल ने घटनास्थल पर प्रदर्शन किया और सरकार की लापरवाही तथा अमेरिका जैसी सड़कों के दावों का मजाक उड़ाया।
यह भोपाल में चार महीनों की दूसरी ऐसी घटना है; जुलाई 2025 में एमपी नगर में भी सड़क धंसी थी। इस सड़क की लागत 305 करोड़ थी और टोल से 650 करोड़ की कमाई हुई। जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है जो 7 दिनों में रिपोर्ट देगी। मरम्मत कार्य आरंभ हो गया है और नया DPR तैयार किया जा रहा है।







