
मणिपुर, श्रेयांश पराशर |
मणिपुर में लगातार तनाव और प्रतिबंध के बीच शुक्रवार सुबह राजधानी इंफाल समेत पांच जिलों में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं। यह फैसला राज्य सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की समय सीमा खत्म होने के बाद लिया गया।
राज्य सरकार ने शुक्रवार सुबह मणिपुर के पांच जिलों में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दीं। इसमें राजधानी इंफाल समेत वे जिले शामिल हैं, जहां एक सांस्कृतिक संगठन के नेता की गिरफ्तारी के बाद सात जून की रात को अचानक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। इससे पहले 3 जून को अराजक संगठन अरामबाई टेंगोल (ATI) के प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने पूरे क्षेत्र में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू और इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगाया था।
इंटरनेट पर लगे प्रतिबंध का व्यापक असर राज्य की सामान्य प्रशासनिक, शैक्षणिक और व्यावसायिक गतिविधियों पर पड़ा। डिजिटल माध्यम पर निर्भर सरकारी कार्यों से लेकर निजी व्यापार तक ठप हो गए थे। स्कूल-कॉलेज और ऑनलाइन परीक्षाएं भी बाधित हुईं। लोगों में इस बंदी को लेकर गहरी नाराजगी देखने को मिली।
तीन जून से शुरू हुआ यह विरोध दस दिनों तक चला। नेता की गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया, जिससे सरकार को न सिर्फ इंटरनेट बंद करने, बल्कि राजधानी में कर्फ्यू तक लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
राज्य के गृह आयुक्त एन. अशोक कुमार के आदेश पर 13 जून की सुबह छह बजे इंटरनेट सेवाएं दोबारा शुरू की गईं। यह फैसला तब लिया गया जब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे थे और धरना-प्रदर्शन की तीव्रता में कमी आई थी।
अब लोगों को उम्मीद है कि डिजिटल सेवाओं के साथ-साथ राज्य में सामान्य जीवन भी पटरी पर लौटेगा। हालांकि प्रशासन सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को तैयार रखा गया है।
इस फैसले से छात्रों, व्यापारी वर्ग और आम नागरिकों को भारी राहत मिली है, जो पिछले कई दिनों से डिजिटल संचार से कटे हुए थे। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या यह बहाली स्थायी होगी या फिर हालात बिगड़ने पर फिर से पाबंदी लगाई जाएगी।