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मतदाता सूची विवाद पर राहुल गांधी, खड़गे, प्रियंका, पवार और अखिलेश सहित सैकड़ों सांसद हिरासत में

नेशनल डेस्क , श्रेयांश पराशर |

नई दिल्ली में आज विपक्षी दलों के सैकड़ों सांसदों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। ये सभी सांसद मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण में कथित गड़बड़ियों के विरोध में चुनाव आयोग की ओर मार्च कर रहे थे।

मतदाता सूची के विशेष गहन समीक्षा को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों ने सोमवार को संसद भवन से चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च करने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने बीच रास्ते में रोक दिया और सैकड़ों सांसदों को हिरासत में ले लिया। इस विरोध में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कई विपक्षी दलों के नेता शामिल थे।

विपक्षी सांसदों ने संसद भवन में नारेबाजी करने के बाद पैदल मार्च शुरू किया। रास्ते में कई नेताओं ने पुलिस बैरिकेड पार करने का प्रयास किया, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने उन्हें धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए नेताओं में कांग्रेस के पी. चिदंबरम, रेणुका चौधरी, एनसीपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत भी शामिल थे।

विपक्षी दलों का आरोप है कि मतदाता सूची में छेड़छाड़ कर लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। सांसदों के हाथों में एसआईआर (Special Intensive Revision) के खिलाफ बैनर और पोस्टर थे। राहुल गांधी ने मीडिया से कहा, “यह लड़ाई राजनीतिक नहीं बल्कि संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के अधिकार को बचाने की लड़ाई है।” उन्होंने दावा किया कि सरकार मतदाता सूची में गड़बड़ी कर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करना चाहती है।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने पुलिस की बस में बैठाए जाने के बाद कहा, “यह सरकार डर चुकी है।” वहीं, विपक्षी दलों के कई नेताओं ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया। हिरासत में लिए गए सांसदों को संसद मार्ग थाने लाया गया, जहां शाम तक उन्हें छोड़े जाने की संभावना है।

विपक्ष ने स्पष्ट किया कि जब तक मतदाता सूची में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित नहीं की जाती, वे संघर्ष जारी रखेंगे। यह प्रदर्शन संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह विपक्ष की एकजुटता का संदेश देता है और आने वाले चुनावी माहौल में राजनीतिक टकराव को और तेज कर सकता है।