
एंटरटेनमेंट डेस्क, वेरोनिका राय |
भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के लिए इस बार मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता मोहनलाल विश्वनाथन नायर को चुना गया है। यह घोषणा होते ही पूरे देश में उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई। मोहनलाल, जिन्हें सिनेमा में चार दशक से अधिक का अनुभव है, ने अब तक 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीता है।
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में होगा सम्मान
65 वर्षीय अभिनेता, निर्देशक और निर्माता मोहनलाल को यह पुरस्कार 23 सितंबर 2023 को होने वाले 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार भारत सरकार की ओर से दिया जाता है और इसे भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान माना जाता है।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोहनलाल को इस सम्मान के लिए बधाई देते हुए उनकी कला और योगदान की सराहना की। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा – “मोहनलाल उत्कृष्टता और बहुमुखी प्रतिभा के प्रतीक हैं। कई दशकों तक शानदार काम करने वाले मोहनलाल मलयालम सिनेमा और थिएटर के एक प्रमुख कलाकार हैं। केरल की संस्कृति के प्रति उनका गहरा लगाव है। उन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी बेहतरीन अभिनय किया है। सभी माध्यमों में उनके सिनेमाई और नाटकीय कौशल की प्रतिभा वास्तव में प्रेरणादायक है। दादासाहेब फाल्के पुरस्कार मिलने पर उन्हें बधाई। उनकी उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।”
सूचना एवं प्रसारण मंत्री का बयान
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी मोहनलाल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मोहनलाल का योगदान भारत की रचनात्मक और सांस्कृतिक भावना को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। मंत्री ने लिखा –“केरल की खूबसूरत धरती से लेकर दुनिया भर के दर्शकों तक – उनके काम ने हमारी संस्कृति का सम्मान किया है और हमारी आकांक्षाओं को बढ़ाया है।”
मोहनलाल का सिनेमा सफर
मोहनलाल का करियर 1980 के दशक में शुरू हुआ और उन्होंने जल्द ही खुद को मलयालम सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में शामिल कर लिया। उनकी गिनती न केवल दक्षिण भारतीय सिनेमा बल्कि पूरे भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं में की जाती है।
उनकी कुछ सबसे लोकप्रिय और यादगार फिल्में हैं –
- थानमात्रा (Thanmathra) – अल्जाइमर बीमारी पर बनी फिल्म, जिसमें उनके अभिनय को बहुत सराहा गया।
- दृश्यम (Drishyam) – सस्पेंस थ्रिलर जिसने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड तोड़े।
- वानप्रस्थम (Vanaprastham) – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा पाने वाली फिल्म।
- मुंथिरिवल्लिकल थलिर्कुम्बोल और पुलीमुरुगन – पारिवारिक और एक्शन फिल्मों में उनके विविध अभिनय का उदाहरण।
मोहनलाल को दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ अभिनेता श्रेणी में) और नौ बार केरल राज्य फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें 2001 में पद्म श्री और 2019 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनकी लाइफटाइम अचीवमेंट और भारतीय सिनेमा के लिए दिए गए योगदान का सम्मान है।
इस घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर मोहनलाल के प्रशंसकों ने बधाइयों की बाढ़ ला दी। कई फिल्म निर्माताओं और सह-कलाकारों ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं। फैंस का कहना है कि मोहनलाल की यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे मलयालम सिनेमा के लिए गर्व का पल है।