Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

मेघालय में 4 हजार टन कोयला गायब, मंत्री बोले – बारिश में बह गया

नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशर|

मेघालय में 4,000 टन कोयला गायब, मंत्री बोले – बारिश में बह गया होगा, हाईकोर्ट ने जताई सख्त नाराज़गी 

मेघालय में 4,000 टन से अधिक कोयले के गायब होने पर राज्य सरकार की सफाई पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। एक मंत्री द्वारा दिया गया यह बयान कि "बारिश में कोयला बह गया होगा", अब राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।

मेघालय सरकार एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है, जब राज्य में 4,000 टन से अधिक कोयले के रहस्यमय तरीके से गायब होने का मामला सामने आया। इस मुद्दे पर हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार की ओर से दी गई सफाई और मंत्रियों के बयान ने विवाद को और गहरा कर दिया है।

28 जुलाई, 2025 को एक मंत्री ने कहा कि यह संभव है कि राज्य में हुई भारी बारिश की वजह से कोयला बह गया हो। इस बयान ने न सिर्फ जनता बल्कि न्यायपालिका को भी हैरान कर दिया। हाईकोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही करार देते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है।

कोर्ट ने उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जिनकी निगरानी में यह कोयला कथित तौर पर गायब हुआ। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राकृतिक आपदा के नाम पर ऐसे घोटाले छिपाना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस घटना ने राज्य में खनन से जुड़े भ्रष्टाचार और लापरवाह प्रशासकीय रवैये पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस गंभीर मामले में क्या ठोस कदम उठाती है या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह समय के गर्त में खो जाएगा।