स्टेट डेस्क, एन के सिंह।
मोकामा घटना की जाँच निष्पक्ष तरीके से। दुलारचंद यादव की मौत,अबतक हुई 80 से अधिक गिरफ्तारियां। बिहार DGP ने अधिक से अधिक भागीदारी का किया आह्वान कहा- जातीय उन्माद की रंग देने की कोशिश करने वाले लोगों के चेहरे बेनकाब किए जाएंगे डीजीपी विनय कुमार की संवेदनशीलता और पारदर्शी कार्रवाई की सराहना
पटना: बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने मोकामा के तारतार गांव में 30 अक्टूबर को जन सुराज पार्टी और जेडीयू समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प में पूर्व आरजेडी नेता और जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या मामले में चौंकाने वाले और विस्तृत खुलासे किए हैं। डीजीपी ने घटना को 'बड़ी दुखद और अनअपेक्षित' बताते हुए कहा कि इसे बड़ी संवेदनशीलता के साथ लिया गया है और पुलिस मुख्यालय निष्पक्ष और साक्ष्य-आधारित कार्रवाई सुनिश्चित कर रहा है। पुलिस महानिदेशक ने लोगों से इस चुनावी महापर्व में भयमुक्त होकर अपनी भागीदारी अधिक से अधिक सुनिश्चित करने का आग्रह किया, कहा कि लोकतंत्र का महापर्व 5 वर्षों में एक बार आता है, इसमें जातीय उन्माद और इस महापर्व में व्यवधान डालने वाले उन्मादी लोगों के चेहरे पुलिस बेनकाब करेगी। पुलिस और सीआईडी की टीम निष्पक्षता से मोकामा घटना की जांच कर रही हैं, चुनाव बाद इस पर और गहराई से जांच होगी।
झड़प से लेकर हत्या तक, घटना का पूरा विवरण
डीजीपी ने बताया कि घटना तब शुरू हुई जब दो उम्मीदवारों के समर्थक विपरीत दिशा से क्रॉस कर रहे थे। गाड़ी को आर पार करने को लेकर बकझक प्रारंभ हुआ और वह बकझक पत्थर बाजी में बदल गया। इस हिंसक टकराव में कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए और कई लोग घायल हुए, और बाद में दुलारचंद यादव की मृत्यु हो गई। इस मामले में, पटना पुलिस ने हत्या के सीधे आरोपी बनाए गए पूर्व विधायक अनंत सिंह को उनके घर से तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार किया, साथ ही उनके दो सहयोगी भी पकड़े गए। यह गिरफ्तारी प्रत्यक्षदर्शियों के बयान, सबूत और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर की गई। दोनों पक्षों की ओर से इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला मौत का राज
डीजीपी ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया की पारदर्शिता पर जोर देते हुए बताया कि पुलिस ने पीएमसीएच के बजाय परिवार की मांग पर बाढ़ अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सकीय बोर्ड के द्वारा पोस्टमार्टम कराया, जिसकी पूरी वीडियोग्राफी कराई गई, जिसमें पीड़ित पक्ष ने भी अपनी तरफ से वीडियोग्राफी रखी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण साबित हुई। इंक्वेस्ट के दौरान मृतक के पैर के एकदम निचले हिस्से में एक फायर आर्म का जख्म प्रतीत हो रहा था, लेकिन पोस्टमार्टम में स्पष्ट किया गया कि गोली प्रवेश के जख्म... मृत्यु के लिए पर्याप्त नहीं हैं। सबसे बड़ा खुलासा अन्य जख्मों के अवलोकन से हुआ, जिसमें यह बताया गया है कि शरीर के ऊपरी भाग में, लंग्स और हार्ट का एरिया 'कंप्रेशन' हुआ है, और कॉज ऑफ़ डेथ (मृत्यु का कारण) 'कार्डियो रेस्पिरेट्री फैलियर' लिखा गया है। रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि यह 'शरीर के ऊपर से कोई हार्ड और हैवी सब्सटेंस के गुजरने से हुआ है'।
वाहन चढ़ाए जाने की आशंका, अनुसंधान का विषय
डीजीपी ने बताया कि घटनास्थल की परिस्थितियों, आकलन, और उपलब्ध वीडियो विजुअल्स से यह संकेत मिला कि पथराव हो रहा था। वीडियो में मृतक भी पथराव करता हुआ दिख रहा है। गाड़ियां बड़ी तेजी से अपने रूट से निकलने का प्रयास कर रही थीं, और पत्थर चलाने वाले भी आगे बढ़ रहे थे, उसी दौरान इन पर वाहन चढ़ा दिया गया। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि पोस्टमार्टम में जो कारण स्पष्ट किया गया है, वह कारण 'इंटेंशनल है (जानबूझकर गाड़ी उनके शरीर पर चढ़ाया)'। हालांकि, उन्होंने कहा, "अब वह इंटेंशनल है या भगाने के क्रम में एक्सीडेंटल है यह सब अनुसंधान का विषय है, और भविष्य में अनुसंधान यह बताएगा कि इनकी किस कारण से मृत्यु हुई है।"
सशक्त टीम कर रही जांच, 80 से अधिक लोग गिरफ्तार
मामले की गंभीरता को देखते हुए, सीआईडी की टीम की अध्यक्षता में क्राइम एसपी, डीवाईएसपी और फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की एक सशक्त टीम जांच कर रही है। घटनास्थल पर अभियुक्त, जो गिरफ्तार हुए उम्मीदवार हैं, उनकी उपस्थिति थी और उनके नेतृत्व में उनका पूरा दल आगे बढ़ रहा था। दोनों तरफ से केस दर्ज किया गया है, और दूसरे पक्ष के कांड (जिसमें काफी क्षति हुई है और पथराव करने वाले स्पष्ट दिख रहे हैं) में भी काफी गंभीरता के साथ गिरफ्तारी की जाएगी। डीजीपी ने पुष्टि की कि अभी तक 80 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं, और अनुसंधान अभी जारी है।
डीजीपी की जनसामान्य से अपील
डीजीपी विनय कुमार ने अंत में जन सामान्य से विनम्र अनुरोध किया कि वे "घटना को लेकर किसी भी प्रकार के जातीय विद्वेष या इस तरह के उन्माद की स्थिति ना बनाएं, ताकि सामाजिक समरसता कायम हो।" उन्होंने यह भी अपील की कि जो भी व्यक्ति प्रत्यक्षदर्शी हैं, या जिनके पास मोबाइल या अन्य डिवाइस में कोई साक्ष्य या वीडियो है, वे सीआईडी के एसपी और डीआईजी के समक्ष साक्ष्य दें। उन्होंने दोहराया, "हम लोग यह पूरा सुनिश्चित कर रहे हैं की निष्पक्ष रूप से और साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई हो, अभी जो गिरफ्तारी हुई है वह नामजद अभियुक्त थे।" पुलिस की वर्तमान प्राथमिकता 6 तारीख को होने वाले चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना है, जिसके बाद इस कांड के सभी अनउद्घाटित पहलुओं को उद्घाटित किया जाएगा।







