लोकल डेस्क, एन. के. सिंह।
5 प्रत्याशियों ने वापस लिया नामांकन। पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 148 कुख्यात अपराधियों पर 'क्राइम कंट्रोल एक्ट' का डंडा।
पूर्वी चम्पारण: जिले की 12 विधानसभा क्षेत्रों के चुनावी समर में अब मुकाबला और स्पष्ट हो गया है। नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, अब कुल 95 प्रत्याशी ही चुनावी रण में अपनी किस्मत आजमाएंगे। नाम वापसी के अंतिम दिन, पाँच विधानसभा क्षेत्रों से पाँच निर्दलीय अभ्यर्थियों ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया। उसमें मोतिहारी से प्रीति कुमारी, गोविंदगंज से कमलेश कांत गिरी, ढाका से रूखसाना खातून, चिरैया से लालू प्रसाद यादव व नरकटिया से शमीम देवान शामिल हैं। सभी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन का पर्चा दाखिल किया था। नाम वापसी के बाद अब 12 विधानसभा के चुनाव मैदान में कुल 95 प्रत्याशी रह गए हैं। जिसमें रक्सौल में पांच, सुगौली में पांच, नरकटिया में छह, हरसिद्धि में छह, गोविंदगंज में आठ, केसरिया में 10, कल्याणपुर में 11, पीपरा में 11, मधुबन में आठ, मोतिहारी में छह, चिरैया में छह व ढाका में दस प्रत्याशी शामिल हैं। जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया कि नामांकन की समाप्ति तक कुल 142 अभ्यर्थियों ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया था। जिसमें विभिन्न कारणों से 42 अभ्यर्थियों के नामांकन पत्र को रद किया गया था।
180 बुजुर्गों व दिव्यांगों ने अब तक मतदान के लिए दिया आवेदन
वैसे बुजुर्ग को 85 प्लस हैंया दिव्यांग हैं, उनके घर जाकर मतदानकर्मी मतदान कराएंगे। इस प्रकार के 180 लोगों के आवेदन प्राप्त हुआ है। वहीं पोलिंग पार्टी का भी मतदान बैलेट पेपर के माध्यम से कराया जाएगा। सभी मतपत्र को कड़ी सुरक्षा के बीच संबंधित बज्रगृह में रखा जाएगा।
एमएस कालेज में छह व डायट में छह विधानसभा के मतों की होगी गिनती
11 नवंबर को मतदान के बाद बनाए गए दो मतगणना केंद्रों पर ईवीएम के रखने की व्यवस्था की गई है। एमएस कालेज में मोतिहारी, हरसिद्धि, गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर व पीपरा विधानसभा क्षेत्रों के मतों की गिनती होगी। वहीं छतौनी स्थित डायट में रक्सौल, नरकटिया, सुगौली, मधुबन, ढाका व चिरैया विधानसभा के मतों की गिनती की जाएगी। वहीं निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की दिशा में पूर्वी चंपारण जिला पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि चुनाव से पहले ही जिले के 148 कुख्यात अपराधियों और असामाजिक तत्वों के विरुद्ध बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम (Bihar Crime Control Act), धारा 3(3) के तहत सख्त कार्रवाई की गई है।
कुल कार्रवाई: बिहार क्राइम कंट्रोल एक्ट की धारा-3 (3) के तहत कुल 148 अपराधियों पर कार्रवाई।
- उद्देश्य: आगामी विधानसभा चुनाव-2025 के मद्देनजर जिले में भयमुक्त और निष्पक्ष माहौल सुनिश्चित करना।
- अपराध की प्रकृति: कार्रवाई मुख्य रूप से मद्यनिषेध के मामलों में लिप्त अपराधियों पर की गई है, जबकि कुछ अपराधी हत्या, लूट, डकैती, आर्म्स एक्ट और साम्प्रदायिक अपराधों से भी जुड़े हुए हैं।
- पुलिस की तैयारी: इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो जाता है कि मोतिहारी पुलिस चुनाव से पहले ही आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
किन अपराधों के तहत हुई कार्रवाई?
पुलिस द्वारा जारी सूची के अनुसार, इन 148 अपराधियों में से अधिकांश पर महानिषेध (शराबबंदी) के उल्लंघन के तहत कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, कुछ प्रमुख और गंभीर अपराधों में शामिल अपराधी भी इस सूची में शामिल हैं:
क्रम अपराध की प्रमुख प्रकृति
इस कार्रवाई से जिले भर के उन असामाजिक तत्वों में हड़कंप मच गया है, जो चुनाव के दौरान माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते थे। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि चुनाव को देखते हुए भविष्य में भी इस तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी ताकि आम जनता बिना किसी भय के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
कार्यवाही में शामिल प्रमुख अपराधी और उनके अपराध
कार्रवाई सूची में जिले के विभिन्न थानों के अपराधी शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से मद्यनिषेध से जुड़े लोगों की संख्या अधिक है, जैसे सत्येन्द्र गिरी (संग्रामपुर), राजु प्रसाद (आदापुर), गोरख यादव (पहाड़पुर) और काशी राय (जितना)।
हालांकि, कुछ अपराधी ऐसे भी हैं जिन पर अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं:
- पिन्टु कुमार उर्फ सुनिल कुमार (रमगढ़वा): मद्यनिषेध / आर्म्स एक्ट / हत्या
- संतोष कुशवाहा (मधुबन): मद्यनिषेध एवं आर्म्स एक्ट\
- फिरोज मियाँ (पताही): मद्यनिषेध एवं लूट
- राकेश सिंह (ढाका): मद्यनिषेध एवं हत्या
- दिपक कुमार (पचपकड़ी): डकैती एवं आर्म्स एक्ट
- मुकेश पाठक उर्फ चुटुल पाठक (जयबजरंग): आर्म्स एक्ट साहेब कुमार सिंह (पहाड़पुर): चोरी
- महेश सहनी (केसरिया): आर्म्स एक्ट एवं डकैती
- गोलू कुमार (छतौनी): डकैती
- असरफ राजा उर्फ सोनू आलम (मलाही): डकैती
पुलिस का यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि कुख्यात अपराधी चुनाव के दौरान किसी भी तरह की अशांति फैलाने से दूर रहें। यह कार्रवाई अन्य जिलों के लिए भी एक मजबूत संदेश है कि चुनाव की तैयारियों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने में कोई ढील नहीं दी जाएगी।







