लोकल डेस्क, आर्या कुमारी |
मोतिहारी में विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे के बाद भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक डॉ. अतुल कुमार ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भाजपा पर नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए जन सुराज से जुड़ने का फैसला किया। उनके इस कदम से स्थानीय राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है और कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
डॉ. अतुल कुमार लंबे समय से भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे और शहर के एक प्रतिष्ठित चिकित्सक के रूप में जाने जाते हैं। टिकट बंटवारे के बाद उन्होंने पार्टी से किनारा करते हुए स्पष्ट किया कि वे अब जन सुराज के साथ मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि वे जन सुराज के विचारों से प्रभावित हैं और संगठन के लिए पूरी निष्ठा से काम करेंगे।
भाजपा छोड़ने के बाद डॉ. अतुल कुमार ने आधिकारिक रूप से जन सुराज का दामन थाम लिया। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी उन्हें अवसर देती है तो वे विधानसभा चुनाव भी लड़ने के लिए तैयार हैं। उनके इस ऐलान के बाद क्षेत्र की सियासी तस्वीर में नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।
जिलाध्यक्ष को भेजे गए अपने इस्तीफा पत्र में डॉ. अतुल कुमार ने लिखा है कि “पार्टी द्वारा नजरअंदाज किए जाने के कारण मैं पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देता हूं।” उनके इस बयान से यह साफ झलकता है कि टिकट वितरण को लेकर पार्टी के अंदर असंतोष गहराता जा रहा है। डॉ. अतुल के इस्तीफे से भाजपा की स्थानीय इकाई में हलचल मच गई है और विपक्षी खेमे में उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है।
जन सुराज में हुए शामिल
विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे के बाद भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक और शहर के चर्चित चिकित्सक डॉ. अतुल कुमार ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। भाजपा छोड़ने के तुरंत बाद उन्होंने जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया। डॉ. अतुल ने कहा कि वे जन सुराज के विचारों और प्रशांत किशोर की नीतियों से प्रभावित हैं और अब संगठन के लिए पूरी निष्ठा से काम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि अवसर मिला, तो वे मोतिहारी विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे।
टिकट बंटवारे के बाद बढ़ी सियासी हलचल
डॉ. अतुल कुमार के इस्तीफे और जन सुराज में शामिल होने के बाद मोतिहारी की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं में इस कदम को लेकर नाराजगी और असमंजस दोनों हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनका पार्टी छोड़ना भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर तब जब टिकट बंटवारे को लेकर कई जिलों में असंतोष देखा जा रहा है। वहीं, जन सुराज खेमे में डॉ. अतुल के आने से नई ऊर्जा और मजबूती की उम्मीद जताई जा रही है।







