
एन. के. सिंह, मोतिहारी |
ऑपरेशन मुस्कान: मोतिहारी पुलिस की 'मुस्कान' लौटाने की मुहिम जारी, 117 और मोबाइल बरामद
मोतिहारी पुलिस ने एक बार फिर "ऑपरेशन मुस्कान" के तहत कमाल कर दिखाया है। खोए और चोरी हुए मोबाइल की बरामदगी के लिए चलाए जा रहे इस विशेष अभियान के अंतर्गत, पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के निर्देशन में गठित विशेष टीम ने 117 मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनकी कुल अनुमानित कीमत 20 लाख 50 हजार रुपये है। इन सभी मोबाइल को उनके असली मालिकों को सौंप दिया गया है, जिससे उनके चेहरों पर मुस्कान लौट आई है।
लगातार सफल हो रहा है "ऑपरेशन मुस्कान"
"ऑपरेशन मुस्कान" मोतिहारी पुलिस की एक सराहनीय पहल है, जिसका उद्देश्य लोगों के खोए हुए या चोरी हुए मोबाइल फोन को वापस दिलाना है। पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के मार्गदर्शन में, एक विशेष टीम लगातार तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों का उपयोग कर ऐसे मोबाइल फोन को ट्रैक कर रही है। हाल ही में बरामद किए गए 117 मोबाइल फोन विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित लोगों को सौंपे गए हैं, जिनमें 20 विद्यार्थी, 6 गृहिणियां, 16 किसान, 4 शिक्षक, 2 पुलिसकर्मी, 1 बैंककर्मी, 6 बिजली मिस्त्री, 2 अधिवक्ता और अन्य नागरिक शामिल हैं। यह दर्शाता है कि यह समस्या समाज के हर वर्ग को प्रभावित करती है और पुलिस की यह पहल सभी के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।
रिकॉर्ड तोड़ बरामदगी: अब तक 1470 मोबाइल वापस
मोतिहारी पुलिस द्वारा "ऑपरेशन मुस्कान" के तहत अब तक कुल पंद्रह चरणों में 1470 मोबाइल फोन बरामद कर उनके वास्तविक मालिकों को सौंपे जा चुके हैं। इन सभी बरामद मोबाइलों की कुल कीमत 3 करोड़ 01 लाख 01 हजार रुपये है। यह आंकड़ा मोतिहारी पुलिस की प्रतिबद्धता और उनके अथक प्रयासों को दर्शाता है। इस अभियान के तहत 60 मोबाइल सीधे "ऑपरेशन मुस्कान" की टीम द्वारा बरामद किए गए, जबकि 57 मोबाइल CEIR पोर्टल (Central Equipment Identity Register) के माध्यम से ट्रैक कर वापस लाए गए। CEIR पोर्टल मोबाइल फोन की चोरी और गुमशुदगी को रोकने और ट्रैक करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मोतिहारी पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह मुहिम लगातार जारी रहेगी ताकि अधिक से अधिक लोगों को उनके खोए हुए सामान वापस मिल सकें और उन्हें राहत मिल सके। बरामदगी टीम मे पु०अ०नि० मनीष कुमार, प्रभारी जिला आसूचना इकाई स०अ०नि० निक्कु कुमार, सि0/1241 चन्दन कुमार पासवान,सि0/754 ललन कुमार, इसके अतिरिक्त, जिले के सभी थानाध्यक्षों का भी इस अभियान में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।