Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

मोतिहारी: टीबी के मरीजों के लिए सहारा बने डॉक्टर

लोकल डेस्क, एन. के. सिंह।

तीन डॉक्टरों कि टीम ने मिलकर टीबी मरीजों को लिया गोद, डॉक्टर्स दे रहे पौष्टिक पोषाहार।

पूर्वी चंपारण: प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत पूर्वी चंपारण जिले में एक सराहनीय पहल सामने आई है। इस अभियान में सरकारी प्रयासों के साथ-साथ निजी डॉक्टरों का भी महत्वपूर्ण सहयोग मिल रहा है।

डॉक्टरों ने बढ़ाया मदद का हाथ

मोतिहारी के जाने-माने हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार टीबी के मरीजों के लिए एक उम्मीद बनकर उभरे हैं। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर टीबी के पांच मरीजों को गोद लिया है। उनकी टीम में डॉ. स्वस्ति सिन्हा और डॉ. सुशील कुमार सिन्हा भी शामिल हैं, जो इन मरीजों के लिए पौष्टिक पोषण की व्यवस्था कर रहे हैं। वहीं, डॉ. आशुतोष शरण ने भी कई मरीजों को गोद लिया है और जल्द ही 30 मरीजों को 'पोषण पोटली' देने का वादा किया है। यह 'पोषण पोटली' टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

इलाज के साथ-साथ पोषण भी जरूरी

जिला यक्ष्मा केंद्र में संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. संजीव और नोडल पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार के प्रयासों से टीबी के मरीजों को पौष्टिक पोषाहार वितरित किया जा रहा है। डॉ. संजीव ने बताया कि टीबी के मरीजों के लिए दवा के साथ-साथ संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि 'निक्षय मित्र योजना' के तहत कोई भी व्यक्ति या संस्था टीबी के मरीजों को कम से कम छह महीने तक पोषण संबंधी सहायता दे सकती है। इस पोषण पोटली में चना, गुड़, दाल, मूंगफली, तेल और घी जैसी पौष्टिक चीजें शामिल होती हैं, जो मरीजों को बीमारी से लड़ने के लिए ताकत देती हैं।

2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य

भारत सरकार ने साल 2025 तक देश को पूरी तरह से टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जिसे सरकारी प्रयासों के साथ-साथ आम लोगों और निजी संस्थाओं के सहयोग से ही पूरा किया जा सकता है। 'निक्षय मित्र योजना' इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लोगों को स्वेच्छा से आगे आकर टीबी के मरीजों की मदद करने का अवसर देती है। इस पहल से न सिर्फ मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य मिल रहा है, बल्कि समाज में एकजुटता और सहयोग की भावना भी मजबूत हो रही है।

इस मौके पर डॉ. संजीव, डॉ. सुनील, अमरेंद्र कुमार और वर्ल्ड विजन व सिफार जैसे संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे, जिन्होंने इस सराहनीय कार्य में अपना योगदान दिया।