
लोकल डेस्क, एन. के. सिंह।
'भू-माफिया' के साम्राज्य पर चला कानून का हथौड़ा, विकलांग की जमीन हड़पने का आरोप। दशकों से चली आ रही दबंगई पर लगाम, एसपी स्वर्ण प्रभात के आदेश पर अमित श्रीवास्तव पर FIR दर्ज।
मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले के सुगौली थाना क्षेत्र में पिछले कई सालों से आतंक का पर्याय बने कुख्यात भू-माफिया अमित श्रीवास्तव का साम्राज्य अब खतरे में है। एक विकलांग व्यक्ति की जमीन हड़पने के प्रयास में उसके खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसा है। पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
एक विकलांग का दर्द, जो जनता दरबार तक पहुंचा कहानी शुरू होती है एक विकलांग व्यक्ति नाज़िर मियां से, जो सुगौली के छपरा बहाद (थाना) गाँव का रहने वाला है। नाज़िर की पुश्तैनी जमीन पर अमित श्रीवास्तव और उसके साथियों, जिनमें आर्य श्रीवास्तव भी शामिल है, की बुरी नजर थी। आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर नाज़िर की जमीन को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवा लिया और उस पर कब्जा करने की कोशिश की।
नाज़िर ने जब हर दरवाजा खटखटाया और कहीं सुनवाई नहीं हुई, तो उसने आखिरी उम्मीद के साथ पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के जनता दरबार में अपनी शिकायत दर्ज कराई। एसपी ने नाज़िर की बात सुनी और तुरंत मामले की गंभीरता को समझा। उन्होंने तुरंत इस पर कार्रवाई के आदेश दिए।
भू-माफिया का काला चिट्ठा
जांच में सामने आया कि अमित श्रीवास्तव एक आदतन अपराधी है, जिसका एक लंबा आपराधिक इतिहास है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उसके खिलाफ सुगौली थाने में पहले से ही कई गंभीर मामले दर्ज हैं।
सुगौली थाना कांड संख्या 73/25: (धारा 126(2)/115(2)/303(2)/109/352/351(2)/3(5) BNS)थाना कांड संख्या 168/25: (धारा 318(4)/319(2)/338/336(3)/340(2)/341/351(3)/3(5) BNS) कांड संख्या 430/20: (धारा 147/341/323/327/384/120(b)/504 IPC) थाना कांड संख्या 431/20: (धारा 147/149/347/323/327/384/120(b)/354(b)/379/504/506 IPC)सुगौली थाना कांड संख्या 528/20: (धारा 147/149/341/323/324/342/349/504/506 IPC)
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि "भू-माफिया अमित श्रीवास्तव पर विकलांग व्यक्ति की जमीन पर कब्जा करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। यह शिकायत जनता दरबार में आई थी।" उन्होंने आगे कहा कि "अमित श्रीवास्तव के आपराधिक इतिहास को देखते हुए उसकी गिरफ्तारी और उसकी संपत्ति की जांच के आदेश भी दिए गए हैं।"
यह कार्रवाई दर्शाती है कि कानून की नजर से कोई नहीं बच सकता, भले ही वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो। नाज़िर मियां की हिम्मत ने एक बड़े भू-माफिया को कानून के कटघरे में ला खड़ा किया है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है और क्या नाज़िर को उसकी जमीन वापस मिल पाएगी।