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मोदी ने ट्रम्प की गाज़ा शांति योजना का किया स्वागत

स्पेशल रिपोर्ट, ऋषि राज |

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाज़ा पट्टी में जारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प द्वारा पेश की गई शांति योजना का स्वागत किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे एक “व्यापक और दूरगामी पहल” बताते हुए भरोसा जताया कि इससे फिलिस्तीन और इज़रायल के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा और पश्चिम एशिया क्षेत्र में स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास का नया दौर शुरू होगा।

गाज़ा में संघर्ष और वैश्विक चिंता

गाज़ा पट्टी दशकों से इज़रायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच संघर्ष का केंद्र रही है। लगातार हो रहे हिंसक टकराव, रॉकेट हमले और आतंकवादी गतिविधियों ने न केवल इस क्षेत्र की सुरक्षा को प्रभावित किया है, बल्कि हजारों निर्दोष लोगों की जान भी ली है। गाज़ा की स्थिति मानवीय संकट का रूप ले चुकी है। विश्व समुदाय लगातार शांति प्रयासों की मांग करता रहा है।

इसी परिप्रेक्ष्य में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में इज़रायल की यात्रा के दौरान एक “व्यापक शांति योजना” की घोषणा की। इस योजना में गाज़ा में आतंकवादी गतिविधियों पर रोक, हमास के कब्जे में बंधकों की वापसी, इज़रायल द्वारा हिरासत में लिए गए कुछ फिलिस्तीनियों की रिहाई तथा गाज़ा पट्टी के व्यापक पुनर्निर्माण का प्रस्ताव शामिल है।

मोदी का समर्थन और उम्मीदें

प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना को सराहते हुए अपने आधिकारिक बयान में कहा,"हम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा गाज़ा संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक व्यापक योजना की घोषणा का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि सभी संबंधित पक्ष इस प्रयास का समर्थन करेंगे और शांति सुनिश्चित करने में सहयोग देंगे।"

मोदी ने इसे एक ऐसा कदम बताया जो फिलिस्तीनी और इज़रायली नागरिकों को ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिम एशियाई क्षेत्र को दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करेगा। उन्होंने इस पहल को क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक शांति के लिहाज से भी महत्वपूर्ण करार दिया।

अमेरिका और इज़रायल की बैठक

यह योजना उस समय सामने आई जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच वॉशिंगटन के व्हाइट हाउस में वार्ता हुई। वार्ता के बाद ट्रम्प ने घोषणा की कि गाज़ा पट्टी में जारी हिंसा को समाप्त करने और आतंकवाद को रोकने के लिए यह योजना लागू की जाएगी। इसके तहत गाज़ा के पुनर्निर्माण और विकास के लिए भी व्यापक कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

भारत का दृष्टिकोण

भारत हमेशा से पश्चिम एशिया में स्थायी शांति का समर्थन करता रहा है। भारत के लिए यह क्षेत्र न केवल कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा और लाखों भारतीय प्रवासी नागरिकों के कारण भी अहम है। मोदी सरकार का रुख यह बताता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों में सहयोगी की भूमिका निभाना चाहता है और आतंकवाद को समाप्त करने के लिए वैश्विक पहल का समर्थन करता है।

भारत ने पहले भी फिलिस्तीन और इज़रायल, दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को संतुलित रूप से आगे बढ़ाया है। भारत फिलिस्तीनी जनता के अधिकारों का समर्थन करता है और साथ ही इज़रायल के साथ रक्षा और तकनीकी सहयोग भी जारी रखता है। इसलिए मोदी का यह बयान दोनों पक्षों को जोड़ने वाला एक सकारात्मक संदेश माना जा रहा है।

योजना के प्रमुख बिंदु

1. आतंकवादी गतिविधियों का अंत – गाज़ा से चल रही आतंकवादी गतिविधियों को पूर्ण रूप से बंद किया जाएगा।

2. बंधकों की वापसी – हमास के कब्जे में पड़े लोगों को सुरक्षित वापस लाने का प्रावधान।

3. कैदियों की रिहाई – इज़रायल द्वारा हिरासत में लिए गए कुछ फिलिस्तीनियों की रिहाई।

4. गाज़ा का पुनर्निर्माण – युद्धग्रस्त गाज़ा पट्टी में व्यापक पुनर्निर्माण और विकास कार्य।

5. शांति और सुरक्षा की गारंटी – दीर्घकालिक और स्थायी शांति स्थापित करने का लक्ष्य।

वैश्विक प्रभाव

अगर यह योजना सफल होती है तो इससे न केवल इज़रायल और फिलिस्तीन में स्थिरता आएगी, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया में शांति स्थापित होगी। यह क्षेत्र वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसलिए यहाँ स्थिरता दुनिया की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए भी लाभकारी होगी।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ट्रम्प की गाज़ा शांति योजना का स्वागत भारत की उस विदेश नीति को दर्शाता है जिसमें भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के साथ-साथ शांति और विकास की दिशा में वैश्विक प्रयासों का समर्थन करता है। गाज़ा पट्टी में लंबे समय से चल रहे संघर्ष ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। यदि ट्रम्प की इस योजना को सभी पक्षों का समर्थन मिलता है और यह लागू होती है, तो यह न केवल फिलिस्तीन और इज़रायल के लिए बल्कि पूरे पश्चिम एशिया और वैश्विक शांति व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।