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म्यांमार में 4.7 तीव्रता का भूकंप

विदेश डेस्क, श्रेया पांडेय |

म्यांमार में 4.7 तीव्रता का भूकंप: नागालैंड और असम सहित पूर्वोत्तर भारत में लगे तेज झटके....

मंगलवार (30 सितंबर, 2025) की तड़के भारत के पूर्वी सीमावर्ती पड़ोसी देश म्यांमार में 4.7 तीव्रता का भूकंप आया। इस भूकंप की वजह से पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों, विशेष रूप से मणिपुर, नागालैंड और असम में धरती कांप उठी और लोगों ने अपने घरों और दफ्तरों में झटके महसूस किए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह भूकंप सुबह लगभग 6:10 बजे आया, जब अधिकांश लोग अपनी सुबह की दिनचर्या शुरू कर रहे थे या अभी भी बिस्तर पर थे, जिससे सीमावर्ती इलाकों में लोगों के बीच अचानक दहशत फैल गई।

भूकंप का सटीक केंद्र और गहराई

NCS द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भूकंप का केंद्र म्यांमार में, भारत की सीमा के काफी करीब था। इसका केंद्र बिंदु मणिपुर के उखरुल से सिर्फ 27 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में दर्ज किया गया। भूकंप की गहराई जमीन से 15 किलोमीटर नीचे थी। भूकंप का केंद्र सतह के जितना करीब होता है, सतह पर कंपन उतना ही अधिक महसूस होता है, यही कारण था कि 4.7 तीव्रता के बावजूद, पूर्वोत्तर के राज्यों में इसके झटके स्पष्ट रूप से महसूस किए गए। भूवैज्ञानिकों के अनुसार, 4.0 से 4.9 तीव्रता के भूकंप अक्सर मामूली नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन चूंकि यह भूकंप भारत-म्यांमार फॉल्ट लाइन के पास और उथली गहराई पर आया था, इसलिए इसकी संवेदनशीलता बढ़ गई थी।

पूर्वोत्तर राज्यों में महसूस हुए कंपन

भूकंप का सबसे अधिक प्रभाव भारत के सीमा से सटे मणिपुर राज्य में महसूस किया गया, क्योंकि केंद्र उसके बेहद करीब था। इसके अलावा, नागालैंड के दीमापुर और कोहिमा जैसे प्रमुख शहरों और असम के गुवाहाटी और सिलचर जैसे कई क्षेत्रों में भी हल्के से मध्यम तीव्रता के झटके लगे। खबरों के अनुसार, इन राज्यों में कई जगहों पर लोगों ने अलार्म बजते ही बिस्तर छोड़ दिए और एहतियात के तौर पर खुली जगहों की ओर भागे। सुबह के समय हुई इस घटना ने लोगों को कुछ देर के लिए चिंता में डाल दिया, लेकिन झटके कुछ ही सेकंड तक रहे और जल्द ही स्थिति सामान्य हो गई।

भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र भूकंपीय क्षेत्र V (Seismic Zone V) के अंतर्गत आता है, जिसे देश का सबसे अधिक जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है। यह क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच निरंतर टकराव के बिंदु पर स्थित है, जिसके कारण यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। यह भौगोलिक स्थिति इस क्षेत्र को बड़े भूकंपों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाती है।

नुकसान की कोई खबर नहीं, अधिकारी निगरानी में

राहत की बात यह रही कि, 4.7 तीव्रता के इस भूकंप से म्यांमार या भारत के प्रभावित राज्यों—असम, नागालैंड और मणिपुर—में किसी भी बड़े जान-माल के नुकसान या हताहतों की कोई तत्काल खबर नहीं मिली है। स्थानीय प्रशासन और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (SDMA) ने पुष्टि की है कि स्थिति नियंत्रण में है और वे किसी भी आफ्टरशॉक या संभावित क्षति का आकलन करने के लिए लगातार निगरानी कर रहे हैं।

विशेषज्ञों ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है, खासकर उन घरों या इमारतों में रहने वाले लोगों को, जो भूकंप-रोधी मानकों के अनुरूप नहीं बनी हैं। यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों और प्रशासन को हमेशा आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। सरकार और आपदा प्रबंधन टीमों ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत आधिकारिक चैनलों से संपर्क करें और अफवाहों पर ध्यान न दें। फिलहाल, क्षेत्र में सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं, लेकिन भूवैज्ञानिक टीमें आने वाले दिनों में भूकंपीय गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखेंगी।