
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
यूक्रेन की राजनीति में एक बड़ा झटका देते हुए संसद वेरखोवना राडा के पूर्व अध्यक्ष एंड्री पारुबिय की हत्या कर दी गई। शनिवार देर रात पश्चिमी शहर ल्वीव में अज्ञात बंदूकधारी ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि यह हमला बेहद योजनाबद्ध तरीके से किया गया था।
हमले की घटनाक्रम
यूक्रेनी अभियोजक जनरल कार्यालय ने बताया कि 54 वर्षीय पारुबिय रात करीब 10 बजे अपने सहयोगियों के साथ एक राजनीतिक बैठक से लौट रहे थे। तभी एक नकाबपोश हमलावर ने पास से गोली चलाई। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमलावर हमले के बाद एक इलेक्ट्रिक बाइक पर सवार होकर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने घटनास्थल को घेर लिया और संदिग्ध की तलाश शुरू कर दी है।
राजनीतिक करियर और भूमिका
एंड्री पारुबिय यूक्रेनी राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा थे। वे 2016 से 2019 तक यूक्रेनी संसद के अध्यक्ष रहे। पारुबिय ने 2014 के मैदान आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी, जिसने तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को सत्ता से हटाने में निर्णायक योगदान दिया। उन्हें राष्ट्रवादी धड़े का प्रमुख नेता माना जाता था और रूस के खिलाफ उनके सख्त रुख की वजह से वे हमेशा सुर्खियों में रहे।
उनके नेतृत्व में संसद ने नाटो और यूरोपीय संघ के साथ संबंध मजबूत करने के कई प्रस्ताव पारित किए थे। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी वे एक मुखर नेता के रूप में सामने आते रहे और अक्सर सरकार को कड़े कदम उठाने की सलाह देते थे।
पारुबिय की हत्या ने यूक्रेन में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ल्वीव जैसे सुरक्षित माने जाने वाले शहर में यह घटना होना दर्शाता है कि राजनीतिक नेताओं पर खतरा लगातार बढ़ रहा है। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह हत्या रूस समर्थित ताकतों की साजिश भी हो सकती है, हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
हत्या की खबर फैलते ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने गहरा शोक जताया और कहा कि पारुबिय की हत्या "यूक्रेन के लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला" है। यूरोपीय संघ और नाटो देशों ने भी इस घटना की निंदा की है और इसे "यूक्रेन की स्थिरता को हिलाने की कोशिश" बताया है।
आगे की जांच
यूक्रेनी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, हमलावर ने पारुबिय को बेहद करीब से गोली मारी, जिससे यह स्पष्ट है कि उसकी मंशा केवल हत्या करना ही था। पुलिस ने चश्मदीदों से पूछताछ की है और शहर के कई इलाकों की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है।
एंड्री पारुबिय की हत्या केवल एक राजनीतिक हत्या नहीं, बल्कि यूक्रेन के राजनीतिक भविष्य और स्थिरता पर भी गहरा असर डाल सकती है। उनकी गिनती उन नेताओं में होती थी जो न केवल संसद बल्कि सड़क पर भी जनता की आवाज़ माने जाते थे। उनकी मौत से यूक्रेन की राजनीति में बड़ा शून्य पैदा हो गया है।