
नेशनल डेस्क, आर्या कुमारी |
यूपी के गांवों में ‘ड्रोन चोर’ की अफवाह से मची दहशत, हिंसा और खौफ का साया....
उत्तर प्रदेश के गांवों में इन दिनों नया डर फैल गया है; ‘ड्रोन चोर’ का। व्हाट्सएप, पुरानी क्लिप्स और भ्रामक वीडियो ने ऐसी अफवाहों को जन्म दिया है, जिसने रायबरेली से बलिया तक माहौल को जहरीला बना दिया है। पुलिस लगातार चेतावनी दे रही है, लेकिन भीड़ की हिंसा थम नहीं रही। आसमान में उड़ते ड्रोन अब डर की नई पहचान बन चुके हैं। कुछ महीने पहले पश्चिमी यूपी में शुरू हुई यह फुसफुसाहट अब पूर्वी यूपी के गांवों में जानलेवा रूप ले चुकी है। रायबरेली से कानपुर और इटावा से बलिया तक ‘ड्रोन चोर’ की कहानियां अब ‘लोककथा’ बन गई हैं। चाय की दुकानों से लेकर चौपालों तक, लोग आसमान की हर रोशनी को शक की नजर से देखने लगे हैं।
रायबरेली में इसी अफवाह ने एक निर्दोष की जान ले ली। फतेहपुर के 38 वर्षीय हरिओम को शनिवार को ग्रामीणों ने ‘ड्रोन चोर गिरोह’ का सदस्य समझकर पीट-पीटकर मार डाला। मानसिक रूप से अस्वस्थ हरिओम दांडेपुर जमुनापुर में अपने ससुराल जा रहा था, तभी भीड़ ने उसे रोक लिया। किसी ने चिल्लाया; “ये ड्रोन चोर है”, और लाठी-बेल्ट से पिटाई शुरू हो गई।
एसपी यशवीर सिंह ने पांच आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि ऊंचाहार के एसएचओ संजय कुमार को लापरवाही के चलते हटाया गया है। पुलिस को अफवाहों की जानकारी थी, लेकिन समय रहते रोकथाम नहीं हुई। इससे पहले रायबरेली पुलिस ने लखनऊ के मोहम्मद जुनैद और सीतापुर के मोहम्मद ओवैश को बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने पर गिरफ्तार किया था।
दोनों फर्नीचर व्यापारी सिर्फ मजे के लिए ड्रोन से वीडियो बना रहे थे, लेकिन उनका यह शौक गांवों में दहशत फैलाने का कारण बन गया। एसएचओ अजय कुमार राय ने कहा, “तनावग्रस्त माहौल में अब एक मामूली उड़ान भी खतरे की तरह दिखती है।” कानपुर में हालात और बिगड़ गए हैं। बिधनू के खेरसां गांव में पिछले हफ्ते एक विक्षिप्त व्यक्ति को भीड़ ने बुरी तरह पीट दिया।
ड्रोन गिरोह का सदस्य समझकर शख्स पर जानलेवा हमला
एसपी प्रबल प्रताप सिंह के मुताबिक, “कानपुर में ड्रोन से जुड़ी एक भी चोरी दर्ज नहीं हुई है। लोग अफवाहों में न आएं।” महाराजपुर के घाघूखेड़ा में खेत में छिपे एक व्यक्ति को भीड़ ने ड्रोन गिरोह का सदस्य समझकर लगभग मार ही डाला, लेकिन पुलिस ने समय रहते बचा लिया। इसी तरह माधौगढ़ और रामपुरा में फेरीवालों पर भी हमला हुआ।
पुलिस ने अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की लोगों से की अपील
ग्रामीणों ने उन्हें ड्रोन के जरिए रेकी करने वाला समझ लिया। सिरसा कलार के एक विक्रेता ने कहा, “अब तो हम बर्तन बेचने भी डरते हैं।” हालात काबू में लाने के लिए कानपुर पुलिस ने सामुदायिक संपर्क अभियान शुरू किया है। डीसीपी दीपेंद्र नाथ चौधरी, एडीसीपी राजेश कुमार और एसीपी कृष्णकांत यादव ने गांवों में सभाएं कर लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
लोग रात को चिल्लाते हुए दिख रहे हैं; ‘जागते रहो, जागते रहो’
डीसीपी दीपेंद्र नाथ चौधरी ने कहा, “यह गलत सूचना की महामारी है। अगर कोई झूठ फैलाएगा या निर्दोष पर हमला करेगा, तो सख्त कार्रवाई होगी।” यह डर अब पूर्वी यूपी के कई जिलों तक पहुंच चुका है; हमीरपुर, प्रतापगढ़, इटावा, देवरिया और बलिया में लोग रातभर पहरा दे रहे हैं। कई जगह ग्रामीण “जागते रहो” चिल्लाते नजर आते हैं।
अफवाह फैलाने पर गैंगस्टर एक्ट या एनएसए में होगी कार्रवाई
अफवाहों पर रोक के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगस्त में सभी जिलों को ड्रोन रजिस्टर बनाने और रात में उड़ानों पर रोक लगाने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा, “जो भी भय फैलाएगा, उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट या एनएसए के तहत कार्रवाई होगी।” मुख्यमंत्री ने बलरामपुर में चेतावनी दी कि “ड्रोन के नाम पर डर फैलाने वालों की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।”