
लोकल डेस्क, एन. के. सिंह।
देश की शीर्ष लॉ यूनिवर्सिटी से पाई डिग्री। 2020 की CLAT परीक्षा में पूरे भारत में ओबीसी वर्ग में चौथा और सामान्य श्रेणी में किया था 66वां स्थान हासिल।
रक्सौल: रक्सौल की बेटी कृति जालान ने अपनी असाधारण प्रतिभा और कड़ी मेहनत से पूरे देश में अपने गृह नगर और बिहार का नाम रोशन किया है। स्थानीय बैंक रोड, रक्सौल की निवासी कृति ने भारत की सबसे प्रतिष्ठित विधि संस्थान, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु से लॉ की डिग्री हासिल करके एक नया इतिहास रचा है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व का विषय बन गई है।
कृति की सफलता की नींव साल 2020 में ही रख दी गई थी, जब उन्होंने CLAT एंट्रेंस परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने ओबीसी वर्ग में पूरे भारत में चौथा स्थान और सामान्य श्रेणी में 66वां स्थान प्राप्त किया था। इसी उपलब्धि के दम पर उन्हें देश की नंबर-1 लॉ यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला। अपनी पढ़ाई के दौरान, कृति ने भारत की सबसे बड़ी लॉ फर्मों में से एक, खेतान एंड एसोसिएट्स, मुंबई में ट्रेनिंग भी पूरी की और वर्तमान में उसी फर्म में लॉ एडवाइजर के रूप में कार्यरत हैं।
यह डिग्री उन्हें भारत के सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत जी के हाथों से मिली, जो 24 नवंबर 2025 से देश के मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने वाले हैं। यह अपने आप में एक बहुत बड़ा सम्मान है।
कृति ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिवार और समाज को दिया। उन्होंने कहा कि उनका निरंतर समर्थन और आशीर्वाद ही उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाने में सहायक रहा। कृति प्रतिष्ठित व्यवसायी श्री नंदकिशोर जालान और स्व. कांता देवी जालान की सुपौत्री हैं, और लायन बसंत जालान एवं लायन अनीता जालान की लाडली बेटी हैं। उनकी बड़ी बहन डॉ. अंजलि और बड़े भाई ऋषभ जालान ने भी अपनी बहन की उपलब्धि पर खुशी जाहिर की।
लायंस क्लब ऑफ रक्सौल के अध्यक्ष लायन बिमल सर्राफ और अन्य सदस्यों ने कृति के परिवार को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। क्लब ने घोषणा की है कि आगामी नवरात्र के दौरान डांडिया उत्सव में कृति को विशेष सम्मान दिया जाएगा।
समाजसेवी महेश अग्रवाल, गणेश धानोठिया, हेमंत अग्रवाल, प्रशांत जालान, नारायण रुंगटा समेत कई गणमान्य नागरिकों और पत्रकारों ने भी कृति को उनकी इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
कृति की यह सफलता समाज को यह संदेश देती है कि "बेटियां बोझ नहीं, वे तो समाज और राष्ट्र का गौरव हैं।" उनकी उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि अगर किसी का संकल्प मजबूत हो और प्रयास ईमानदार, तो कोई भी लक्ष्य हासिल करना असंभव नहीं है।