Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

रक्सौल धोखाधड़ी, 25 हज़ारी इनामी इनामुल हक पर शिकंजा, कुर्की की तैयारी

मोतिहारी, एन.के. सिंह |

नौकरी के नाम पर 568 युवाओं को ठगा, जिनमें 79 नाबालिग शामिल; पुलिस ने एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया, वरना संपत्ति होगी जब्त

रक्सौल में दवा कंपनियों की आड़ में युवाओं, खासकर युवतियों के साथ नौकरी के नाम पर सालों से चल रही ठगी और शोषण के बड़े मामले में पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी है। डीबीआरओ और विनमेकर कंपनी के फरार संचालक और इस कांड के मुख्य आरोपी इनामुल अंसारी उर्फ इनामुल हक के घर पर पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर 25,000 रुपये के इनाम की घोषणा के बाद अब इश्तिहार भी चस्पा कर दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने साफ़ निर्देश दिया है कि यदि इनामुल हक एक सप्ताह के भीतर न्यायालय में आत्मसमर्पण नहीं करता है, तो उसके ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसमें उसकी संपत्ति की कुर्की भी शामिल है। पुलिस ने 107 बीएनएसएस (भारतीय न्याय संहिता) के तहत उसकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला तब सामने आया जब 30 मार्च, 2025 को रक्सौल में पुलिस और एसएसबी (सीमा सुरक्षा बल) की टीम ने दो फ़र्ज़ी मार्केटिंग कंपनियों, विनमेकर और डीबीआरओ, के ठिकानों पर संयुक्त छापेमारी की। एसडीओ शिवाक्षी दीक्षित के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में पता चला कि ये कंपनियाँ कई सालों से दवा कारोबार की आड़ में युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगी कर रही थीं।
छापेमारी के दौरान, पुलिस ने कुल 568 नाबालिग और बालिग युवकों को रेस्क्यू किया, जिनमें 79 नाबालिग बच्चे और चार लड़कियाँ भी शामिल थीं। इन सभी को इन कंपनियों द्वारा शोषण का शिकार बनाया जा रहा था। इस कार्रवाई में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया, लेकिन कंपनी का मुख्य संचालक इनामुल हक तभी से फरार चल रहा था।

मुक्त कराए गए बच्चों का भविष्य और कानूनी कार्रवाई

रेस्क्यू किए गए नाबालिग बच्चों को तुरंत मोतिहारी के ज़िला बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है। उन्हें अब मोतिहारी और बेतिया के बाल गृहों में सुरक्षित रखा गया है। यह घटना बाल श्रम और मानव तस्करी के ख़िलाफ़ चल रहे अभियानों में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

इनामुल हक के ख़िलाफ़ रक्सौल थाना कांड संख्या 137/25, दिनांक 30/3/25 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएँ 127(2), 318(4), 143, 338, 336(3), 61(2), 3(5) के साथ-साथ बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम 1986 की धारा 14(A) और किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम की धारा 79 भी लगाई गई है।

पुलिस की आगे की रणनीति

पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने स्पष्ट किया है कि पुलिस इनामुल हक को हर हाल में गिरफ़्तार करने या उसे आत्मसमर्पण करने पर मजबूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। यदि वह तय समय सीमा में आत्मसमर्पण नहीं करता है, तो उसकी संपत्ति जब्त करने की कठोर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस मामले ने रक्सौल और आसपास के क्षेत्रों में नौकरी के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी के जाल को उजागर किया है और युवाओं को ऐसी फ़र्ज़ी कंपनियों से सावधान रहने की चेतावनी दी है।