राजस्थान के खीचन और मेनार को मिला रामसर साइट का दर्जा, भारत में कुल 91 आर्द्रभूमियाँ बनीं अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त

राजस्थान, श्रेया पांडेय |
विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर राजस्थान के दो महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि क्षेत्रों—खीचन (फालोदी) और मेनार (उदयपुर)—को अंतरराष्ट्रीय रामसर साइट्स के रूप में मान्यता दी गई है। इस नई घोषणा के साथ भारत में कुल रामसर साइट्स की संख्या 91 हो गई है, जो एशिया में सबसे अधिक है।
मेनार, जिसे "बर्ड विलेज" के नाम से जाना जाता है, स्थानीय समुदाय द्वारा संचालित संरक्षण प्रयासों के लिए प्रसिद्ध है। वहीं, खीचन हर साल हजारों प्रवासी कुरजां (Demoiselle Cranes) पक्षियों का स्वागत करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की है और इसे भारत की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस मान्यता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
राज्य वेटलैंड प्राधिकरण द्वारा 2023 में इन स्थलों की सिफारिश की गई थी। रामसर टैग मिलने से इन आर्द्रभूमियों की पारिस्थितिकीय महत्ता बढ़ेगी और इनके सतत प्रबंधन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त होगा।
यह मान्यता न केवल इन क्षेत्रों की जैव विविधता के संरक्षण में मदद करेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका के नए अवसर भी प्रदान करेगी, जिससे सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।