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राष्ट्रपति ने सिनेमा की सामाजिक भूमिका पर दिया जोर

नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार |

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि लोकप्रिय फिल्में बनाना अच्छी बात है, लेकिन यदि वे लोकप्रिय होने के साथ-साथ लोकहित में भी हों तो यह और भी बेहतर होगा। उन्होंने मंगलवार को विज्ञान भवन में आयोजित 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में भाग लेते हुए यह विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने मलयालम सिनेमा के प्रख्यात अभिनेता, निर्देशक और निर्माता मोहनलाल को प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके साथ ही अभिनेत्री रानी मुखर्जी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार तथा अभिनेता शाहरुख खान और विक्रांत मैसी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का सम्मान प्रदान किया गया।

राष्ट्रपति ने भारतीय सिनेमा की मौजूदा स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि दर्शकों की पसंद के अनुसार लोकप्रिय फिल्में बनाना ठीक है, लेकिन जब वही सिनेमा समाज के हित और लोककल्याण को ध्यान में रखकर बनाया जाए तो उसकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं पर केंद्रित फिल्मों के निर्माण की सराहना की और कहा कि महिलाएं आज भी किसी न किसी रूप में भेदभाव झेलती हैं। इसलिए ऐसी फिल्में समाज को एक नया दृष्टिकोण देती हैं और महिला सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जब महिलाओं को उचित अवसर मिलते हैं तो वे किसी भी क्षेत्र में बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल करने में सक्षम होती हैं। फिल्म निर्माण में केवल अभिनेता या निर्देशक ही नहीं, बल्कि अनेकों कलाकार और कारीगर अपनी अहम भूमिका निभाते हैं और उन्हीं के सामूहिक प्रयास से एक फिल्म आकार लेती है। राष्ट्रपति ने सभी को उनकी मेहनत और समर्पण के लिए शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त करने वालों में युवाओं और अनुभवी कलाकारों के साथ छह बच्चे भी शामिल हैं। यह सिनेमा जगत के लिए प्रेरणादायक है। राष्ट्रपति ने सभी विजेताओं को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।