नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर पटेल चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संदेश में कहा कि सरदार पटेल एक महान देशभक्त, दूरदर्शी नेता और राष्ट्र-निर्माता थे जिन्होंने अपने साहस और नेतृत्व से देश के एकीकरण का ऐतिहासिक कार्य किया। उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि राष्ट्रीय एकता दिवस पर हम सब मिलकर एक सशक्त और समरस भारत के निर्माण का संकल्प लें।
इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एकता दिवस दौड़’ को झंडी दिखाकर रवाना किया और उपस्थित नागरिकों को देश की एकता और अखंडता बनाए रखने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने रियासतों का एकीकरण कर भारत की एकता और सुरक्षा को मजबूत बनाया तथा किसानों, पिछड़ों और वंचितों को सहकारिता के माध्यम से आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर किया।
शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने अंग्रेजों की 562 रियासतों में देश को बांटने की साजिश को नाकाम करते हुए आधुनिक भारत का नक्शा तैयार किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाकर कश्मीर को भारत में पूर्ण रूप से मिलाकर सरदार पटेल के अधूरे कार्य को पूरा किया।
उन्होंने कांग्रेस सरकारों पर सरदार पटेल की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें भारत रत्न देने में 41 वर्ष की देरी की गई और न कोई स्मारक बनाया गया। यह स्थिति तब बदली जब नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण का निर्णय लिया।
शाह ने बारडोली सत्याग्रह का उल्लेख करते हुए कहा कि सरदार पटेल किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे और अपने अडिग इरादों से अंग्रेजों को झुकने पर मजबूर किया।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में केवड़िया स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर गणतंत्र दिवस जैसी भव्य परेड आयोजित की गई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं।







