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राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर मोदी बोले: भारत आत्मनिर्भर अंतरिक्ष तकनीक की ओर

नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशर |

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर कहा कि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विशेष रूप से सेमी क्रायोजेनिक इंजन और विद्युत प्रणोदन जैसी नई उभरती तकनीकों का उल्लेख किया, जो देश की अंतरिक्ष क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाने में मदद कर रही हैं। मोदी ने वैज्ञानिकों और तकनीकी कर्मियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जल्द ही भारत अपना गगनयान मिशन पूरा करेगा और भविष्य में अपना स्वतंत्र स्पेस स्टेशन भी स्थापित करेगा।

इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत न केवल तकनीकी विकास की दिशा में अग्रसर है, बल्कि इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के मजबूत संकेत भी दे रहा है। सेमी क्रायोजेनिक इंजन और विद्युत प्रणोदन जैसी प्रौद्योगिकियाँ न केवल रॉकेट और उपग्रह प्रक्षेपण में दक्षता बढ़ाएंगी, बल्कि देश की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएँगी। मोदी ने यह भी कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग प्रशासन और नागरिक सुविधाओं में भी किया जा रहा है, जो समाज के विभिन्न वर्गों को सीधे लाभ प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी और उनके उत्साह पर भी जोर दिया। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर युवाओं में इस क्षेत्र के प्रति आकर्षण बढ़ना, देश की वैज्ञानिक चेतना और नवाचार को प्रोत्साहित करता है। मोदी ने वैज्ञानिकों और युवाओं को नेशनल स्पेस डे की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आज अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी भारत में राजकोष का भी हिस्सा बन रही है। यह संकेत देता है कि भारत की अंतरिक्ष नीति न केवल विज्ञान और तकनीक पर आधारित है, बल्कि इसमें आर्थिक और सामाजिक लाभ को भी शामिल किया गया है।

विश्लेषण से यह निष्कर्ष निकलता है कि भारत का दृष्टिकोण केवल मिशन आधारित नहीं, बल्कि व्यापक दृष्टिकोण वाला है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा, प्रशासनिक उपयोग और विज्ञान में नवाचार के साथ-साथ युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन रहा है। इससे स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में भारत अंतरिक्ष अनुसंधान और अंतरिक्ष व्यवसाय में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभा सकता है।

इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी के विचार और योजनाएँ भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में न केवल वैज्ञानिक उपलब्धियों को बढ़ावा देंगी, बल्कि युवाओं में नवाचार और देशभक्ति की भावना को भी सशक्त बनाएँगी। भारत तेजी से एक स्वतंत्र और सक्षम अंतरिक्ष राष्ट्र के रूप में उभर रहा है।