
नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार |
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 28 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि एक पूर्व एबीवीपी नेता ने टीवी डिबेट के दौरान राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी दी। पत्र में कहा गया कि भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ तुरंत कार्रवाई न होना राहुल गांधी के खिलाफ हिंसा में मिलीभगत माना जाएगा।
वेणुगोपाल ने लिखा कि यह धमकी किसी छोटे पदाधिकारी की लापरवाही नहीं, बल्कि जानबूझकर बनाए गए नफरत भरे माहौल का नतीजा है, जिससे विपक्ष का नेता असुरक्षित हो गया है। अब यह गृह मंत्री की जिम्मेदारी है कि वह स्पष्ट करें कि उनकी पार्टी और सरकार किस विचारधारा का समर्थन करती है।
दरअसल, केरल में एक न्यूज चैनल पर लद्दाख हिंसा को लेकर बहस हो रही थी। इस दौरान भाजपा की ओर से बोल रहे पूर्व एबीवीपी नेता प्रिंटू महादेव ने कहा कि राहुल गांधी को सीने में गोली मार दी जाएगी। इस बयान पर विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि यह उन्हें खत्म करने की साजिश है, लेकिन भारत की जनता ऐसा नहीं होने देगी, क्योंकि राहुल गांधी सांप्रदायिकता और फासीवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं।
वेणुगोपाल ने पत्र में लिखा कि महादेव की यह घोषणा किसी फिसलन या लापरवाही नहीं, बल्कि विपक्ष के प्रमुख नेता और देश के अग्रणी राजनेता को मिली खतरनाक धमकी है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार खुलेआम आपराधिक धमकी और हिंसा की राजनीति का समर्थन करती है?
उन्होंने कहा कि एक ऐसे नेता, जिसके परिवार के दो सदस्यों की हत्या हो चुकी है, उसकी सुरक्षा को राजनीतिक मुद्दा बनाना आग से खेलने जैसा है। अगर कार्रवाई नहीं की गई तो यह हिंसा को वैध ठहराने जैसा होगा, जो गृह मंत्री के शपथ का उल्लंघन है।
इस बीच राहुल गांधी भारत में नहीं हैं और दक्षिण अमेरिकी देशों की यात्रा पर गए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बताया कि वे वहां राजनीतिक नेताओं, छात्रों और कारोबारियों से मुलाकात करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक वे ब्राजील और कोलंबिया जा सकते हैं।
हाल ही में सीआरपीएफ ने राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। एजेंसी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर कहा था कि राहुल गांधी पिछले 9 महीने में छह बार बिना सूचना विदेश गए, जिनमें इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, लंदन और मलेशिया शामिल हैं। सीआरपीएफ ने राहुल गांधी को भी चेतावनी दी थी कि इस तरह की चूक से उनकी Z+ कैटेगरी सुरक्षा कमजोर हो सकती है।
बता दें कि 2019 में केंद्र सरकार ने गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेकर उनकी जगह सीआरपीएफ को जिम्मेदारी सौंपी थी। राहुल गांधी को फिलहाल एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) के साथ Z+ सिक्योरिटी मिली हुई है। इस श्रेणी के तहत उन्हें हर गतिविधि और विदेश यात्रा की जानकारी पहले से सुरक्षा एजेंसियों को देनी होती है ताकि पर्याप्त इंतजाम किए जा सकें।