
विदेश डेस्क - नीतीश कुमार |
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने बुधवार को बीजिंग में द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान पुतिन ने यूक्रेन युद्ध में सैनिक भेजने के लिए किम का आभार जताया, जबकि किम ने रूस को हरसंभव सहयोग देने का वादा किया।
दोनों नेता द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण की 80वीं वर्षगांठ पर चीन पहुंचे थे। इससे पहले पुतिन, किम और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संयुक्त रूप से भव्य सैन्य परेड में भाग लिया। शीत युद्ध के शुरुआती दौर के बाद पहली बार तीनों नेताओं का ऐसा सम्मेलन हुआ।
परेड के बाद किम और पुतिन ने एक ही कार से राजकीय अतिथिगृह पहुंचकर निजी वार्ता की। बातचीत में किम ने कहा कि रूस और उसके लोगों के लिए जो भी संभव होगा, वे उसे भाईचारे के नाते अपना कर्तव्य मानेंगे।
2024 में रूस और उत्तर कोरिया के बीच हुई रक्षा संधि के तहत उत्तर कोरियाई सैनिक यूक्रेन मोर्चे पर रूस के साथ लड़ रहे हैं। इस पर पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के संबंध खास, भरोसेमंद और सहयोगी बन गए हैं। उन्होंने रूसी सेना की मदद कर रहे उत्तर कोरिया के विशेष बलों की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा।
बताया जाता है कि उत्तर कोरियाई सैनिकों ने इस साल रूस के पश्चिमी क्षेत्र कुर्स्क से यूक्रेनी सेना को बाहर खदेड़ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
महामारी के बाद किम की यह पहली चीन यात्रा है, जिसमें उन्होंने पुतिन और शी जिनपिंग से मुलाकात के साथ कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और करीब दो दर्जन देशों के नेताओं से बातचीत की।