
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध एक बार फिर ड्रोन हमलों और जवाबी कार्रवाई के कारण सुर्खियों में आ गया है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि रूसी वायु सेना ने देश के अलग-अलग हिस्सों में 41 यूक्रेनी मानव रहित हवाई वाहन को मार गिराया। मंत्रालय के मुताबिक, ये ड्रोन हमले शनिवार देर रात से शुरू हुए और कई घंटों तक चले।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यूक्रेन की ओर से दागे गए इन ड्रोन का लक्ष्य रूस के विभिन्न रणनीतिक इलाकों को निशाना बनाना था, लेकिन रूसी वायु रक्षा प्रणाली ने सतर्क रहते हुए उन्हें नष्ट कर दिया। मंत्रालय ने विस्तार से बताया कि कुर्स्क इलाके में 12, ब्रायंस्क इलाके में 10, बेलगोरोद इलाके में आठ, तुला इलाके में पांच, यारोस्लाव्ल इलाके में तीन, रोस्तोव और अन्य क्षेत्रों में तीन-तीन ड्रोन मार गिराए गए। इस कार्रवाई ने रूस की हवाई सुरक्षा क्षमता को एक बार फिर उजागर किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन लगातार रूस के अंदरूनी क्षेत्रों पर ड्रोन हमले बढ़ा रहा है ताकि रूस की सैन्य और औद्योगिक क्षमताओं को कमजोर किया जा सके। दूसरी ओर, रूस दावा करता है कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली इन हमलों का मजबूती से मुकाबला कर रही है। रूस ने यह भी कहा है कि यूक्रेनी ड्रोन हमलों का मुख्य उद्देश्य रूस के ऊर्जा ढांचे, तेल डिपो और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना है।
पिछले कुछ महीनों में यूक्रेन द्वारा रूस पर किए जा रहे ड्रोन हमलों में तेजी आई है। इन हमलों से रूस के कई शहरों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करना पड़ा है। वहीं, रूसी नागरिकों में भी लगातार बढ़ते हमलों को लेकर चिंता बढ़ रही है। हालांकि, रूसी प्रशासन का कहना है कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध फरवरी 2022 से जारी है और अब यह संघर्ष लंबे खिंचाव में तब्दील हो चुका है। युद्ध में दोनों पक्षों को भारी जानमाल का नुकसान उठाना पड़ा है। ड्रोन का इस्तेमाल इस युद्ध की नई रणनीति बन गया है क्योंकि ये अपेक्षाकृत सस्ते और प्रभावी हथियार साबित हो रहे हैं।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने दोहराया कि उनकी सेना किसी भी प्रकार के हवाई हमलों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। वहीं, यूक्रेन का कहना है कि जब तक रूस उसके क्षेत्रों से पीछे नहीं हटता, तब तक वह लड़ाई जारी रखेगा।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह युद्ध अब भी गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थान बार-बार शांति वार्ता का आग्रह कर चुके हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच मतभेद गहराए हुए हैं।
कुल मिलाकर, रूसी वायु सेना द्वारा 41 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराना इस युद्ध के खतरनाक स्वरूप को फिर से सामने लाता है। यह साफ संकेत है कि आने वाले समय में युद्ध और भी तेज हो सकता है, और इसका असर न केवल दोनों देशों बल्कि वैश्विक सुरक्षा और ऊर्जा आपूर्ति पर भी पड़ेगा।