
नेशनल डेस्क, आर्या कुमारी |
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प की खबर है। सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं।
इस दौरान छात्रों और पुलिस में हिंसक भिड़ंत हुई। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने लेह स्थित भाजपा कार्यालय और CRPF की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सोनम वांगचुक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। इस झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 70 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। इनमें से दो की हालत गंभीर है और एक सीआरपीएफ जवान भी घायल है।
क्यों भड़की हिंसा
दरअसल, लेह में आज सुबह प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और एक CRPF वाहन को जला दिया। राज्य दर्जे के आंदोलन में हिंसा की यह पहली बड़ी घटना बताई जा रही है। लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर आंदोलन बुधवार को 14वें दिन पहुंच गया। लेह में दो महिला प्रदर्शनकारियों की तबीयत बिगड़ने और उन्हें अस्पताल ले जाने के बाद ही भीड़ उग्र हो गई।
हिंसक भिड़ंत और पथराव
प्रदर्शनकारी अंचुक और अंचुक डोल्मा आंदोलन के दौरान बेहोश हो गए और अस्पताल पहुंचाए गए। इससे सभा में अशांति फैल गई और लेह हिल काउंसिल भवन पर पथराव हुआ। हालात काबू में रखने के लिए भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया भीड़ ने अचानक पुलिस पर हमला कर दिया और लेह स्थित भाजपा कार्यालय पर भी धावा बोल दिया। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने पहले ही कहा था कि “भाजपा को आगामी हिल काउंसिल चुनावों से पहले लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने का अपना वादा पूरा करना चाहिए।”
केंद्र सरकार ने तय की तारीख
लद्दाख के लोग इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं और संवैधानिक सुरक्षा के साथ राज्य का दर्जा चाहते हैं। आयोजकों ने कहा कि केंद्र ने इस पर 6 अक्टूबर तक निर्णय की तारीख तय की है, लेकिन प्रदर्शनकारी तत्काल समाधान की मांग पर अड़े हैं। एक नेता ने कहा कि हमारी मांग तत्काल कार्रवाई की है, लद्दाख अब और इंतजार नहीं कर सकता।
कारगिल आयोजन समिति के सदस्य सज्जाद करगली ने कहा कि गुरुवार को कारगिल पूरी तरह बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन गति पकड़ रहा है और यह एकजुटता दिखाने के साथ नई दिल्ली को कड़ा संदेश देने के लिए जरूरी है।
महिलाओं की बड़ी भागीदारी
पिछले दो हफ्तों से जारी इस आंदोलन में महिलाओं, युवाओं और पुरुषों की भारी भीड़ जुड़ रही है। प्रदर्शनकारी लद्दाख को राजनीतिक अधिकार और संवैधानिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। वहीं प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों और विरोध स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी है।