नेशनल डेस्क, आर्या कुमारी |
लुधियाना पुलिस ने आजतक की एंकर अंजना ओम कश्यप के खिलाफ टीवी डिबेट के दौरान वाल्मीकि का कथित रूप से अपमान करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। यह मामला भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज भावदास के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी यशपाल की शिकायत पर दर्ज हुआ है। 7 अक्टूबर को प्रसारित अंजना के शो में सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना पर चर्चा के दौरान यह विवादित टिप्पणी की गई थी।
गुरुवार को दर्ज एफआईआर में इंडिया टुडे समूह के अध्यक्ष और प्रधान संपादक अरुण पुरी तथा लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है। द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायत में कहा गया है कि कश्यप ने शो में वाल्मीकि के बारे में ‘अनुचित’ भाषा का इस्तेमाल किया, जिसका प्रसारण चैनल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी किया गया था।
एफआईआर में कहा गया, “इन बयानों से पूरे वाल्मीकि समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है और इससे पहले कि यह मामला कानून-व्यवस्था का मुद्दा बने, एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।” शिकायत में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है कि भगवान वाल्मीकि की पवित्रता और अच्छाई को सर्वोच्च न्यायालय ने भी मान्यता दी है।
चौधरी यशपाल ने कहा, “हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक आरोपी सलाखों के पीछे न पहुंच जाएं। हमने अपने समुदाय से इस मुद्दे पर एकजुट होने का आह्वान किया है।”
यह मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 299 के तहत दर्ज किया गया है, जो धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले कृत्यों को दंडित करती है। साथ ही, इसमें एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 3(1)(V) का भी उल्लेख है।
कश्यप के ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ शो में उन्होंने कहा था कि वाल्मीकि का वास्तविक नाम रत्नाकर था, जिन्होंने शुरुआती जीवन में लूटपाट से धन अर्जित किया था। नारद मुनि से मिलने पर उनका हृदय परिवर्तन हुआ और वे भगवान राम के भक्त बने। उन्होंने कहा कि यह कहानी सिखाती है कि आत्मसाक्षात्कार का एक क्षण भी जीवन बदल सकता है।
हालांकि, यशपाल का कहना है कि वाल्मीकि से जुड़ी ये कहानियां ऐतिहासिक रूप से प्रमाणित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “महापुरुषों के जीवन से जुड़ी कितनी ही कहानियां लोककथाओं का हिस्सा बन जाती हैं। इनके सच होने का कोई प्रमाण नहीं है। एंकर को उस व्यक्ति के बारे में बेबुनियाद कहानी सुनाने की क्या ज़रूरत थी जिसे हम अपना भगवान मानते हैं।”
इससे पहले सितंबर में लखनऊ की एक अदालत ने भी अंजना ओम कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। उस मामले में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की याचिका में आरोप था कि 14 अगस्त को प्रसारित कार्यक्रम विभाजनकारी और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ था, जो दो समुदायों में दुश्मनी पैदा करने का प्रयास करता है।







