Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

लोकतंत्र की रक्षा के लिए पूरी ताकत लगाएंगे: राहुल गांधी

नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |

राहुल गांधी का बिहार से 'वोट चोरी नहीं होगा' का संकल्प, बोले- 'लोकतंत्र की रक्षा के लिए पूरी ताकत लगाएंगे'...

भारतीय राजनीति में 'वोट चोरी' और 'लोकतंत्र पर खतरा' जैसे मुद्दे लंबे समय से चर्चा का विषय रहे हैं। इसी क्रम में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक बड़ा और महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने सीधे शब्दों में कहा, "हम संकल्प लेते हैं- बिहार में एक भी वोट चोरी नहीं होगा, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा हम पूरी ताकत से करेंगे।" यह बयान न सिर्फ एक चुनावी वादा है, बल्कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में एक गंभीर चुनौती भी पेश करता है।

राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल अक्सर सत्तारूढ़ पार्टी पर चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर करने, संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने और लोकतांत्रिक मूल्यों को दरकिनार करने का आरोप लगाते रहे हैं। उनका यह संकल्प बिहार जैसे राज्य में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां राजनीतिक चेतना और मतदान का प्रतिशत हमेशा से उच्च रहा है। यह बयान कांग्रेस के लिए एक मजबूत चुनावी एजेंडा तैयार करता है, जिसमें वह खुद को लोकतंत्र और संविधान के रक्षक के रूप में पेश कर रही है।

गांधी ने अपनी जनसभा में मतदाताओं से सीधे संवाद स्थापित किया। उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों को अपने वोट की कीमत समझनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका एक-एक वोट सही हाथों में जाए। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि कुछ ताकतें लोकतंत्र की नींव को हिलाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दल उन्हें ऐसा करने नहीं देंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि "यह सिर्फ एक चुनाव नहीं है, यह हमारे देश के भविष्य का सवाल है। अगर आज हम चुप रहे तो कल हमारे बच्चों के लिए कोई लोकतंत्र नहीं बचेगा।"

इस बयान के पीछे कई रणनीतिक कारण भी हो सकते हैं। एक तरफ, यह कांग्रेस पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक, जिसमें दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग शामिल हैं, को एकजुट करने का प्रयास है, जो अक्सर चुनावी धांधली की आशंकाओं से प्रभावित होते हैं। दूसरी ओर, यह भाजपा के 'राष्ट्रवाद' और 'विकास' के एजेंडे के जवाब में एक मजबूत वैचारिक स्टैंड लेता है, जिसमें 'लोकतंत्र की रक्षा' को प्राथमिकता दी गई है। यह बयान मतदाताओं को यह संदेश देता है कि उनके वोट का महत्व सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी को सत्ता में लाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के संविधान और लोकतांत्रिक ढांचे को सुरक्षित रखने का भी माध्यम है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह बयान कांग्रेस की नई चुनावी रणनीति का हिस्सा है। पार्टी अब सिर्फ स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय, बड़े और वैचारिक मुद्दों पर भी मतदाताओं से जुड़ने की कोशिश कर रही है। 'वोट चोरी' का आरोप लगाना और 'लोकतंत्र की रक्षा' का वादा करना, दोनों ही एक साथ मिलकर मतदाताओं के मन में डर और उम्मीद दोनों पैदा करते हैं। यह डर कि उनका वोट चोरी हो सकता है और यह उम्मीद कि कांग्रेस उसे बचाएगी।

कुल मिलाकर, राहुल गांधी का यह संकल्प बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ सकता है। यह न सिर्फ कांग्रेस के लिए एक चुनावी हथियार बन सकता है, बल्कि अन्य विपक्षी दलों को भी इसी मुद्दे पर एकजुट होने का मौका दे सकता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बयान बिहार के मतदाताओं पर कितना असर डालता है और क्या यह कांग्रेस को चुनावी लाभ दिला पाता है या नहीं। यह बयान स्पष्ट रूप से बताता है कि कांग्रेस अब सिर्फ वोट मांगने की बजाय, लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों की लड़ाई लड़ने का दावा कर रही है।