Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

वक्फ संशोधन कानून को ' काला कानून ' बताया, मोतिहारी सम्मेलन में बोले उलेमा

रिपोर्ट: एन.के. सिंह

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मोतिहारी में उलेमा का ऐलान – "औकाफ की सुरक्षा हर मुसलमान की नैतिक और मज़हबी ज़िम्मेदारी"

मोतिहारी, पूर्वी चंपारण: ईदगाह मैदान, मठिया जिरात में शनिवार को आयोजित जिला स्तरीय औकाफ संरक्षण सम्मेलन में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ जमकर आवाज़ उठी। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के अमीर-ए-शरीयत हज़रत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन कानून को "काला कानून" करार देते हुए उसकी कड़ी निंदा की।

मौलाना रहमानी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "वक्फ संपत्तियां मुसलमानों की अमानत हैं। इनकी हिफाजत हर मुसलमान की नैतिक और मज़हबी जिम्मेदारी है।" उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक सरकार यह कानून वापस नहीं लेती, देश का मुस्लिम समाज खामोश नहीं बैठेगा। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे इस कानून के खिलाफ एक लंबी और लोकतांत्रिक लड़ाई के लिए तैयार रहें।

धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं बर्दाश्त: मौलाना रहमानी

अमीर-ए-शरीयत ने कहा कि धार्मिक संस्थाओं की संपत्ति में किसी भी तरह की सरकारी दखलअंदाजी अस्वीकार्य है। उन्होंने इस कानून को संविधान विरोधी बताते हुए कहा कि यह केवल वक्फ की संपत्तियों को हड़पने की साजिश है।

उन्होंने देश के अमनपसंद, सेक्युलर नागरिकों से अपील की कि वे वक्फ की असलियत को समझें और समाज को भ्रमित करने वाली ताकतों के खिलाफ आवाज़ बुलंद करें।

विधायक डॉ. शमीम अहमद ने कहा – “यह संविधान पर सीधा हमला”

सम्मेलन को संबोधित करते हुए नरकटिया के विधायक डॉ. शमीम अहमद ने भी वक्फ कानून में किए गए संशोधनों को भारतीय संविधान की आत्मा पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि इस कानून का असली मकसद वक्फ संपत्तियों पर कब्ज़ा करना है।

उलेमा और बुद्धिजीवियों ने दी एकजुटता की अपील

सम्मेलन में काजी मुफ्ती रेयाज अहमद, नायब काजी मुफ्ती वसी अहमद, डॉ. तबरेज अजीज, सैयद साजिद हुसैन, डॉ. एसएम मिन्नतुल्लाह, डॉ. सबा अख्तर, डॉ. शमीमुल हक, अशरफ अली अंसार, डॉ. एमयू अख्तर, ओजैर अंजुम, इन्तेजारूल हक, मौलाना एहसानुल्लाह, मौलाना बदीउज्जमा, हामिद जफर, तारीक अनवर, डॉ. नौशाद और मुफ्ती साजिद इकबाल कासमी जैसे कई प्रमुख उलेमा, समाजसेवी और शिक्षाविद शामिल हुए।

सभी वक्ताओं ने एकमत होकर वक्फ संशोधन कानून को रद्द करने की मांग की और मुस्लिम समाज से संगठित होकर संवैधानिक और शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया।

इमारत-ए-शरीया पूर्वी चंपारण की पहल

इस ऐतिहासिक सम्मेलन का आयोजन इमारत-ए-शरीया, पूर्वी चंपारण द्वारा किया गया था, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, उनके महत्व पर जनजागरूकता और वक्फ संशोधन कानून के विरुद्ध एक व्यापक आंदोलन की रणनीति तय करना था।

इस सम्मेलन में जुटी भारी भीड़ और वक्ताओं के जोशीले संबोधन ने यह स्पष्ट कर दिया कि मुस्लिम समाज अब अपने धार्मिक और सामाजिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए संगठित हो चुका है।