
व्यापार डेस्क, श्रेया पांडेय |
शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 1123 अंक टूटा, निवेशकों को ₹5.5 लाख करोड़ का नुकसान
शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों के ₹5.5 लाख करोड़ से अधिक डूब गए। बीएसई सेंसेक्स 1,123 अंक यानी 1.37% गिरकर 80,569 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी‑50 लगभग 341 अंक टूटकर 24,547 पर आ गया।
बाजार की इस गिरावट के पीछे अंतरराष्ट्रीय कारण प्रमुख रहे। अमेरिका-चीन व्यापार विवाद में बढ़ती अनिश्चितता, पश्चिम एशिया में तनाव, और वैश्विक ब्याज दरों में बदलाव की अटकलों ने निवेशकों को बेचैनी में डाल दिया। साथ ही भारतीय रुपए की कमजोरी और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली ने गिरावट को और तेज किया।
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में यह गिरावट तकनीकी दृष्टि से “करेक्शन फेज” मानी जा रही है। शेयर बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निफ्टी 24,500 से नीचे जाने पर और गिरावट का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, 24,600–24,700 के बीच समर्थन दिखाई दे रहा है, जहां से बाजार में कुछ रिकवरी हो सकती है।
इस गिरावट में बैंकिंग, आईटी और फार्मा सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। टॉप लूजर्स में HDFC Bank, Infosys, और Reliance Industries शामिल रहे। वहीं, कुछ मिडकैप और डिफेंस शेयरों में आंशिक खरीदारी भी देखी गई।
निवेशकों को इस गिरावट से भारी नुकसान हुआ है। बीएसई मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹418.1 लाख करोड़ से घटकर ₹412.6 लाख करोड़ रह गया। यानी एक ही दिन में ₹5.5 लाख करोड़ की संपत्ति बाजार से मिट गई।
ब्रोकरेज हाउसों ने निवेशकों को अल्पकालिक सतर्कता की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा स्थिति में निवेशकों को लंबी अवधि की रणनीति पर टिके रहना चाहिए और घबराकर बिक्री करने से बचना चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई आपातकालीन प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन बाजार के स्थिर होने तक निगरानी जारी रहेगी।
यह गिरावट वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए एक गंभीर संकेत मानी जा रही है।