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शोक से श्रद्धांजलि तक: फादर्स डे की एक अनसुनी कहानी

रिपोर्ट: नीतीश कुमार

शोक से श्रद्धांजलि तक: फादर्स डे की एक अनसुनी कहानी

दुख से उपजा सम्मान
• फादर्स डे की शुरुआत एक मार्मिक ऐतिहासिक घटना से हुई, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं।
• यह केवल उत्सव नहीं, बल्कि एक ऐसी भावना का प्रतीक है जो शोक और आदर से उत्पन्न हुई।
• इसकी जड़ें एक भीषण खनन त्रासदी से जुड़ी हैं।
• इसका उद्देश्य उन पिताओं की निःस्वार्थ शक्ति और त्याग को याद करना है, जो आज हमारे बीच नहीं हैं।

प्रारंभिक प्रेरणा – वर्ष 1908
• 1908 में वेस्ट वर्जीनिया के फ़ेयरमॉन्ट में इस दिवस की पहली नींव रखी गई।
• यह आयोजन मोनॉन्गा खदान हादसे में मारे गए 361 पिताओं की स्मृति में हुआ था।
• इस पहल की प्रेरणा ग्रेस गोल्डन क्लेटन नाम की एक महिला ने दी थी।
• यह अमेरिका में पितृत्व को समर्पित पहला प्रमुख सार्वजनिक कार्यक्रम बन गया।

एक बेटी की भावना – 1910
• वॉशिंगटन के स्पोकेन शहर की सोनोरा स्मार्ट डॉड इस विचार से गहराई से जुड़ीं।
• उनके पिता ने गृहयुद्ध के बाद अकेले 6 बच्चों की परवरिश की थी।
• उन्होंने सोचा, जैसे माँ के लिए मदर्स डे है, वैसे ही पिता के लिए भी एक दिन होना चाहिए।
• उनकी सोच ने एक सामाजिक आंदोलन को जन्म दिया, जिसे आज हम फादर्स डे के रूप में जानते हैं।

पहला फादर्स डे उत्सव
• 19 जून 1910 को स्पोकेन में पहला फादर्स डे मनाया गया।
• चर्च, स्थानीय व्यापारियों और प्रशासन ने इसे खुले दिल से अपनाया।
• लोगों ने अपने पिता को उपहार और खुद बनाए कार्ड भेंट किए।
• इसी दिन से यह भावनात्मक परंपरा शुरू हुई।

राष्ट्र स्तर पर स्वीकृति
• धीरे-धीरे यह विचार हर कोने में फैल गया।
• 1966 में राष्ट्रपति लिंडन बी. जॉनसन ने इसे आधिकारिक मान्यता दी।
• 1972 में राष्ट्रपति निक्सन ने इसे राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया।
• यह दिन अब पिता के समर्पण, प्रेम और योगदान का प्रतीक बन चुका है।

हर उस व्यक्ति को समर्पित जो पिता बना
• आज 100 से अधिक देशों में यह दिन आदर के साथ मनाया जाता है।
• यह केवल जैविक पिता ही नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति को समर्पित है जो पिता की तरह बना।
• जैसे दादा, चाचा, शिक्षक, सौतेले पिता और मार्गदर्शक, जिन्होंने हमारी राह आसान की।
• यह दिन उन सभी को धन्यवाद कहने का अवसर है, जिन्होंने हमें जीवन का मूल्य सिखाया।