नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार।
श्रीनगर के नौगाम थाने में हुए विस्फोट को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी और इसके बारे में अनावश्यक अटकलें नहीं लगाई जानी चाहिए। मंत्रालय ने बताया कि यह धमाका उन विस्फोटक पदार्थों और रसायनों के परीक्षण से पहले हुआ, जिन्हें हाल ही में बरामद किया गया था और जिनके कारणों की जांच जारी है।
इस घटना में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 पुलिसकर्मी, दो राजस्व अधिकारी और तीन अन्य घायल हुए। गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (जम्मू-कश्मीर) प्रशांत लोहखंडे ने बताया कि शुक्रवार रात 11 बजकर 20 मिनट पर नौगाम थाने के अंदर बड़ा विस्फोट हुआ।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने हाल ही में लगाए गए एक पोस्टर के आधार पर एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। प्राथमिकी 162/2025 की जांच के दौरान बड़ी मात्रा में विस्फोटक और रसायन बरामद किए गए थे, जिन्हें थाने के खुले हिस्से में सुरक्षित रूप से रखा गया था।
जांच से जुड़े सभी विभाग मानक प्रक्रिया के तहत एक साथ काम कर रहे थे और बरामद सामग्री को फोरेंसिक व रासायनिक विश्लेषण के लिए भेजा जा रहा था। विस्फोटकों की अत्यंत संवेदनशील प्रकृति के कारण उन्हें विशेषज्ञ निगरानी में संभाला जा रहा था, लेकिन इसी दौरान अचानक दुर्घटनावश विस्फोट हो गया। घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया।
लोहखंडे ने बताया कि थाने की इमारत को गंभीर नुकसान पहुंचा है और आसपास की कई इमारतें भी प्रभावित हुई हैं। उन्होंने दोहराया कि कारणों की जांच जारी है और अन्य किसी भी प्रकार की अटकलें अनुचित हैं। सरकार मृतकों के परिवारों के साथ खड़ी है।
इधर, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी नलिन प्रभात ने भी इसे आकस्मिक घटना बताते हुए किसी आतंकवादी गतिविधि से जुड़े होने की बात को खारिज किया। उन्होंने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के धमकी भरे पोस्टरों से जुड़े मामले की जांच के दौरान दिल्ली के लालकिला मेट्रो स्टेशन विस्फोट से जुड़े एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ था, और वहीं से बरामद विस्फोटकों को थाने में रखा गया था। यह मामला अब एसआईए के पास जांच के लिए है।







