
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के भीतर मतभेद और गहराते दिख रहे हैं। तेजस्वी यादव के करीबी और राज्यसभा सांसद संजय यादव को लेकर परिवार के भीतर असहमति तेज हो गई है। अब तक उन पर निशाना साधते रहे तेजप्रताप यादव के बाद, लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा कर हलचल मचा दी। हालांकि बाद में उन्होंने माहौल शांत करने की कोशिश भी की।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ की बस की एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें संजय यादव आगे की सीट पर बैठे नजर आए। परंपरा के अनुसार यह सीट शीर्ष नेता के लिए मानी जाती है। इसी मुद्दे पर पटना के आलोक कुमार ने फेसबुक पर लिखा “आगे की सीट सदैव सर्वोच्च नेतृत्व के लिए होती है। यदि कोई स्वयं को उससे बड़ा समझने लगे, तो यह गंभीर संकेत है।”
आलोक कुमार की इस पोस्ट को रोहिणी आचार्य ने बिना किसी टिप्पणी के शेयर कर दिया। इसके बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा छिड़ गई कि लालू परिवार के भीतर से अब संजय यादव के खिलाफ तीसरी आवाज भी खुलकर सामने आ गई है।
रोहिणी का सफाई
शाम होते-होते रोहिणी आचार्य ने सफाई दी। उन्होंने दो नेताओं की तस्वीरें पोस्ट कर लिखा “वंचितों और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े वर्गों को आगे लाना ही राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव जी के सामाजिक-आर्थिक न्याय अभियान का मूल उद्देश्य रहा है। इन तस्वीरों में समाज के इन्हीं वर्गों से आने वालों को आगे बैठे देखना सुखद अनुभव है।”
पहले से विरोध में तेजप्रताप और मीसा
ध्यान देने योग्य है कि संजय यादव को लेकर मीसा भारती और तेजप्रताप यादव पहले से ही विरोधी रुख अपनाए हुए हैं। तेजप्रताप कई बार पार्टी में 'जयचंद' होने की बात कह चुके हैं, जिसे अक्सर संजय यादव से जोड़कर देखा जाता है।