
नेशनल डेस्क, ऋषि राज |
संसद में ऑनलाइन गेमिंग बिल पास होने के बाद Dream 11 पर संकट, BCCI के साथ 358 करोड़ की डील टूटने के आसार....
संसद में हाल ही में पास हुए ऑनलाइन गेमिंग बिल का असर अब सीधे क्रिकेट स्पॉन्सरशिप पर दिखने लगा है। इस बिल के तहत ऑनलाइन पैसे से खेले जाने वाले खेलों पर रोक लगा दी गई है, जिसके चलते फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म Dream 11 की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सूत्रों के अनुसार, Dream 11 और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच हुआ 358 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट अब रद्द हो सकता है।
Dream 11 फिलहाल टीम इंडिया की जर्सी का टाइटल स्पॉन्सर है। लेकिन नए कानून लागू होने के बाद अब उसकी ब्रांडिंग को एशिया कप से पहले हटाया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो टीम इंडिया की जर्सी पहली बार बिना किसी बड़े स्पॉन्सर के मैदान पर उतर सकती है। जानकारी के मुताबिक, एशिया कप के लिए पहले से छपी जर्सी का उपयोग नहीं किया जाएगा।
नए स्पॉन्सर की तलाश
BCCI ने साफ कर दिया है कि वह केंद्र सरकार के फैसले का पालन करेगा। बोर्ड के सचिव देवजीत सैकिया ने कहा, “अगर कानून ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स पर रोक लगाता है, तो बोर्ड Dream 11 के साथ अनुबंध जारी नहीं रख सकता। हम जल्द ही नया स्पॉन्सर तलाशेंगे।”
Dream 11 की जगह लेने के लिए कई बड़ी कंपनियों ने रुचि दिखाई है। प्रमुख दावेदारों में टाटा ग्रुप, रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी ग्रुप शामिल हैं। टाटा पहले से ही IPL के टाइटल स्पॉन्सर के रूप में सक्रिय है, जबकि रिलायंस और अडानी खेलों में लगातार निवेश कर रहे हैं।
इसके अलावा, जेरोधा, एंजेल वन और ग्रो जैसी फिनटेक कंपनियां भी रेस में हैं। वहीं, ऑटोमोबाइल सेक्टर से महिंद्रा और टोयोटा तथा FMCG सेक्टर से पेप्सी जैसे ब्रांड स्पॉन्सरशिप की दौड़ में शामिल हो सकते हैं।
बड़ा झटका
Dream 11 ने वर्ष 2023 में BCCI के साथ 358 करोड़ रुपये का अनुबंध किया था। यदि यह डील रद्द होती है, तो यह फैंटेसी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका साबित होगा। साथ ही, टीम इंडिया की जर्सी से जुड़े ब्रांड वैल्यू पर भी असर पड़ सकता है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि एशिया कप से पहले टीम इंडिया को नया जर्सी स्पॉन्सर मिलता है या खिलाड़ी बिना किसी स्पॉन्सर के मैदान पर उतरते हैं।