Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

सब्र का इम्तिहान न लें, लद्दाख जैसे हालात न बनें: उमर अब्दुल्ला

स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के सब्र का इम्तिहान न ले और राज्य का दर्जा बहाल करे। उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा देना जम्मू-कश्मीर और इसकी जनता का मौलिक संवैधानिक अधिकार है। अगर यह कदम जल्द नहीं उठाया गया तो यहां भी हालात लद्दाख जैसी अशांति में बदल सकते हैं। उन्होंने यह बात गांदरबल में अपने दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कही।

मुख्यमंत्री ने गांदरबल में 36 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और घोषणा की कि हर ब्लॉक में क्रिकेट और फुटबॉल मैदान स्थापित किए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने बैडमिंटन खेला और स्थानीय खिलाड़ियों के साथ 100 मीटर दौड़ में भी भाग लिया।

गांदरबल, जो उनका निर्वाचन क्षेत्र है, वहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य के दर्जे से वंचित रखना केंद्र की नीयत पर सवाल खड़ा करता है। लद्दाख की स्थिति सबके सामने है और जम्मू-कश्मीर में भी हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं, हालांकि उनकी पार्टी नहीं चाहती कि यहां लद्दाख जैसी स्थिति पैदा हो।

उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करना जनता का अधिकार है। लद्दाख के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मांगा था, लेकिन उनकी जिंदगी में कोई सुधार नहीं हुआ। भारत सरकार पहले ही राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा कर चुकी है और सुप्रीम कोर्ट में भी इसका आश्वासन दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिसीमन और चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि नेशनल कांफ्रेंस पहले ही आगाह कर चुकी थी कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अप्रत्याशित परिणाम ला सकता है, जो लद्दाख में देखने को मिला है।

गांदरबल में उन्होंने 36.50 करोड़ रुपये की 12 से अधिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। बीहामा में छह प्रमुख खेल परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, जिनमें बीहामा स्टेडियम और अन्य खेल मैदानों का उन्नयन शामिल था। उन्होंने युवाओं के लिए नए खेल उपकरण भी जारी किए और जूडो, थांग-टा और योग का प्रदर्शन देखा।

सलूरा में मुख्यमंत्री ने 33/11 केवी, 1x6 एमवीए रिसीविंग स्टेशन का उद्घाटन किया। गडूरा में उन्होंने जीसीओपीई में इनडोर बैडमिंटन हॉल का उद्घाटन किया और मैत्रीपूर्ण मैच भी खेला। इसके अलावा, उन्होंने 400 मीटर सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक और फुटबॉल टर्फ का उद्घाटन किया तथा 100 मीटर स्प्रिंट में भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने चार सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिनमें लिंक रोड, निर्माण और उन्नयन कार्य शामिल हैं। उन्होंने इन सभी उद्घाटनों और आधारशिलाओं को गांदरबल के विकास के नए युग की शुरुआत बताया।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि गांदरबल के हर ब्लॉक में क्रिकेट और फुटबॉल ग्राउंड, इंटरनेट सुविधा वाले पुस्तकालय और वाचनालय होंगे, ताकि खेल और शिक्षा दोनों को बढ़ावा मिल सके।