
नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार।
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अधिकारियों से कहा कि वे समर्पण और निष्ठा के साथ काम करके समृद्ध, मजबूत और समावेशी भारत के निर्माण में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने ईमानदार प्रयासों से यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि भारत विश्व के सामने शक्ति और प्रगति का आदर्श स्थापित करे।
भारतीय सांख्यिकी सेवा, भारतीय कौशल विकास सेवा और केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से भेंट की। भारतीय सांख्यिकी सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ठोस नीति निर्माण और उसका कार्यान्वयन सटीक सांख्यिकीय विश्लेषण पर निर्भर करता है। आंकड़ों पर आधारित दुनिया में सांख्यिकी की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। उन्होंने आधिकारिक आंकड़ों के संकलन व विश्लेषण में उनकी अहम भूमिका और विशेषज्ञता की आवश्यकता पर जोर दिया।
भारतीय कौशल विकास सेवा के अधिकारियों से राष्ट्रपति ने कहा कि कौशल और ज्ञान किसी भी राष्ट्र की आर्थिक उन्नति और सामाजिक प्रगति के असली इंजन हैं। उच्च कुशल कार्यबल वाले देश वैश्विक चुनौतियों का बेहतर सामना कर पाते हैं और विकास के अवसरों का लाभ उठाते हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रगति की ओर बढ़ते भारत में युवाओं का उन्नत कौशल अपनाना आवश्यक है और आईएसडीएस अधिकारी भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने में अहम योगदान देंगे।
केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों से राष्ट्रपति ने कहा कि इंजीनियर किसी भी देश की तकनीकी तरक्की और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सीपीडब्ल्यूडी जैसे संस्थानों को तकनीकी आधार उपलब्ध कराने में अग्रणी बनने का आग्रह किया और सतत विकास सुनिश्चित करने पर बल दिया।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे केवल नीति क्रियान्वयन ही नहीं बल्कि प्रभावी फीडबैक देकर नीति निर्माण में भी योगदान दें। सभी वर्गों, खासकर कमजोर और वंचित तबकों के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ही देश की प्रगति की गति तय करेगी।