Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

सरकार NDA की, सिस्टम कांग्रेस का: GST दर घटने पर कांग्रेस प्रवक्ता का केंद्र पर तीखा वार

स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |

सरकार NDA की, सिस्टम कांग्रेस का: जीएसटी दर घटने पर कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति का केंद्र पर तीखा वार

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में कटौती के फैसले पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सोनाल शांति ने मोदी सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि आठ वर्षों तक जनता से कमाई करने के बाद अब जाकर सरकार की आंखें खुली हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “देश में सरकार तो एनडीए की है, लेकिन सिस्टम अब भी कांग्रेस का चल रहा है।”

कांग्रेस का पुराना रुख और राहुल गांधी की चेतावनी

सोनाल शांति ने याद दिलाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2016 में ही जीएसटी के प्रारूप का विरोध किया था। उस समय कांग्रेस ने आशंका जताई थी कि यह टैक्स ढांचा किसानों, छात्रों और आम उपभोक्ताओं पर भारी पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बार-बार सरकार को चेतावनी दी थी कि दूध, दही, पेंसिल, किताबें, कृषि उपकरण, जीवन रक्षक दवाएं, स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं पर टैक्स लगाना जनता के हित में नहीं है। मगर मोदी सरकार ने औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने की नीयत से इन पर भी जीएसटी लगाया।

“आठ साल बाद लौटी सरकार की आंखों की रोशनी”

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर लगातार बोझ बढ़ता गया। बच्चों की शिक्षा महंगी हुई, किसानों को कृषि उपकरण खरीदने में दिक्कत आई और स्वास्थ्य सेवाओं की लागत बढ़ गई।
उन्होंने कहा, “दूध-दही से लेकर किताब-पेंसिल तक पर टैक्स लगाने वाली सरकार की आंखों की रोशनी आठ साल बाद जाकर लौटी है। अब उन्हें आम आदमी की तकलीफ दिखाई दे रही है।”

कांग्रेस बनाम भाजपा: जनहित बनाम जनविरोधी नीति

सोनाल शांति ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जातिगत जनगणना और जीएसटी स्लैब में संशोधन जैसे फैसले हाल ही में लेकर यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस की नीतियां जनता के पक्ष में थीं और भाजपा की नीतियां जनविरोधी।
उनके मुताबिक कांग्रेस ने हमेशा सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाई है। पार्टी ने तथ्यों और अध्ययनों के आधार पर यह बताया था कि जीएसटी का ढांचा flawed है, लेकिन सत्ता के अहंकार में भाजपा सरकार ने इसे नज़रअंदाज़ किया।

अर्थशास्त्रियों की चेतावनी भी अनसुनी

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने भी 2017 में जीएसटी के बहुस्तरीय स्लैब को लेकर चिंता जताई थी। उनका कहना था कि इतने जटिल ढांचे से न केवल आम जनता परेशान होगी बल्कि छोटे व्यापारी और उद्यमी भी मुश्किल में पड़ेंगे। लेकिन मोदी सरकार ने इन सभी सुझावों को ठुकरा दिया।
आज स्थिति यह है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हीं नीतियों से पीछे हटना पड़ रहा है, जिन्हें उन्होंने मजबूती से लागू किया था।

कांग्रेस की “जनता के लिए” राजनीति

सोनाल शांति ने दावा किया कि कांग्रेस हमेशा जनता के हित में खड़ी रही है। पार्टी ने किसान, छात्र और मध्यमवर्ग को राहत देने वाली नीतियों का समर्थन किया और जनविरोधी नीतियों का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती कांग्रेस की लंबी लड़ाई का नतीजा है। “यह मोदी सरकार की मजबूरी है, लेकिन जनता को यह समझना चाहिए कि कांग्रेस ने समय रहते आवाज उठाई थी।”

कांग्रेस प्रवक्ता ने अपने बयान के अंत में कहा, “आज मोदी सरकार को उन्हीं फैसलों से पलटना पड़ रहा है, जिन्हें उन्होंने जनता पर थोप दिया था। यह इस बात का सबूत है कि कांग्रेस की नीतियां ही जनहित में थीं और भाजपा की नीतियां सिर्फ औद्योगिक समूहों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई थीं।”

जीएसटी दरों में कटौती का यह फैसला जहां आम जनता को राहत पहुंचाता दिख रहा है, वहीं राजनीतिक रूप से यह कांग्रेस को मोदी सरकार पर हमला करने का एक बड़ा मौका भी दे रहा है।