स्टेट डेस्क, आर्या कुमारी |
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर टकराव गहराता जा रहा है। तेजस्वी यादव ने VIP को सीटों पर अंतिम अल्टीमेटम दे दिया है, जिससे गठबंधन में उथल-पुथल बढ़ गई है। VIP की मांगों से महागठबंधन में दरार की आशंका गहराई है, और अब सबकी निगाहें मुकेश सहनी के अगले कदम पर हैं।
पहले चरण के नामांकन की डेडलाइन में सिर्फ 31 घंटे बचे हैं, और इस बीच महागठबंधन में हालात तनावपूर्ण हैं। तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी की रस्साकशी अब अल्टीमेटम तक पहुंच गई है — अगर सहनी नहीं झुके, तो VIP की ‘घर वापसी’ से पहले दरवाज़ा बंद हो सकता है।
सीटों पर तकरार, गठबंधन पर संकट
सूत्रों के मुताबिक, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने 243 सीटों में से कम से कम 24 सीटों की मांग की है। लेकिन RJD नेता तेजस्वी यादव इससे आगे झुकने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने साफ कहा है कि VIP को 15 सीटों से ज़्यादा नहीं मिलेंगी। महागठबंधन के सूत्रों का कहना है कि बातचीत अब “ब्रेकिंग पॉइंट” पर है। अगर सहनी कुछ सीटों पर समझौता करते हैं, तो डील हो सकती है, वरना VIP की विदाई तय है।
इतिहास दोहराएगा खुद को?
2020 के चुनाव में भी सहनी महागठबंधन छोड़कर NDA में चले गए थे। वहां उन्हें 11 सीटें मिलीं, जिनमें से उन्होंने 4 पर जीत हासिल की। बाद में तीन विधायक BJP में शामिल हो गए और एक की मृत्यु हो गई। इसके बाद सहनी की VIP अकेली रह गई और उन्होंने NDA से भी नाता तोड़ लिया।
“डिप्टी सीएम बनूंगा” : सहनी का दावा
हाल ही में मुकेश सहनी ने कहा, “अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो मैं डिप्टी सीएम बनूंगा।” जब उनसे पूछा गया कि सहयोगियों को उनका दावा रास नहीं आ रहा, तो उन्होंने पलटकर कहा: “अगर कुछ लोग तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री नहीं मानते, तो क्या बिहार बिना मुख्यमंत्री के चलेगा? अगर तेजस्वी मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो मैं डिप्टी सीएम क्यों नहीं?”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि BJP भी मानती है कि वे डिप्टी सीएम बनने योग्य हैं और “जहां सहनी जाते हैं, वहीं सरकार बनती है।”
तेजस्वी की ‘लक्ष्मण रेखा’
इस बार तेजस्वी यादव पहले जैसी नरमी नहीं दिखा रहे। VIP की मांगों पर अब उन्होंने सख्त रुख अपनाया है। महागठबंधन के सूत्रों के मुताबिक, “अब या तो सहनी माने, या गठबंधन से बाहर हों।”
सहनी की ताकत और सीमाएं
2018 में बनी VIP का प्रभाव निषाद, मल्लाह और नाविक समुदायों में माना जाता है। सहनी को हमेशा ‘सीटों के सौदेबाज़’ के रूप में देखा गया है, लेकिन बार-बार पाला बदलने से उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहे हैं।
अब बड़ा सवाल यह है —
क्या सहनी एक बार फिर आखिरी वक्त पर गठबंधन बदलेंगे?
या तेजस्वी यादव की सख्ती के आगे झुककर VIP महागठबंधन में अपनी जगह बचा पाएगी?







