
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
सीरिया की राजधानी दमिश्क के पास इजरायल ने मंगलवार देर रात हवाई हमला किया, जिससे पूरे इलाके में जोरदार धमाकों और अफरातफरी का माहौल बन गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायली विमानों ने सीरियाई क्षेत्र में कई मिसाइलें दागीं, जिनका निशाना कथित तौर पर सैन्य ठिकाने और हथियार भंडार थे। सीरिया की सरकारी मीडिया ने दावा किया कि मिसाइल हमलों से राजधानी के आसपास के इलाकों में तेज धमाकों की आवाज गूंजी और कई इमारतें हिल गईं।
हालांकि, इजरायल की ओर से इस हमले को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि यह हमला ईरान समर्थित समूहों और हिज्बुल्लाह की गतिविधियों को रोकने के लिए किया गया है। सीरिया लंबे समय से ईरान के सहयोग से संचालित मिलिशिया और हथियार आपूर्ति का केंद्र बना हुआ है, जिसे इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए सीधा खतरा मानता है।
सीरियाई सेना का कहना है कि उनकी वायु रक्षा प्रणाली ने कई इजरायली मिसाइलों को बीच में ही नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइलें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रहीं। स्थानीय सूत्रों का दावा है कि इस हमले में हथियारों से भरे कई गोदाम नष्ट हुए और कुछ सैन्यकर्मी घायल भी हुए हैं। हालांकि, अब तक किसी बड़े जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है।
यह पहला मौका नहीं है जब इजरायल ने सीरिया पर हवाई हमले किए हों। पिछले कई वर्षों से इजरायली सेना समय-समय पर सीरियाई ठिकानों पर कार्रवाई करती रही है। इजरायल का कहना है कि वह सीरिया की जमीन पर ईरान और हिज्बुल्लाह को अपनी सैन्य उपस्थिति मजबूत नहीं करने देगा।
इस हमले से एक बार फिर पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसे हमले जारी रहते हैं, तो सीरिया-इजरायल विवाद और गहरा सकता है तथा क्षेत्रीय अस्थिरता और ज्यादा बढ़ सकती है।
कुल मिलाकर, दमिश्क के पास हुआ यह हमला इजरायल की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वह अपने पड़ोस में ईरानी प्रभाव और हथियारों की तस्करी को रोकना चाहता है। लेकिन इससे सीरिया में जारी संघर्ष और जटिल हो गया है।